Kumbh Mela 2025: कुंभ मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इस बार प्रयागराज में महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू होगा. इससे पहले, बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी का एक बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने सभी साधु संतों और अखाड़ा परिषदों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि कुंभ मेला को हिंदू-मुस्लिम के अखाड़े का मेला नहीं बनने देना चाहिए.
बरेली: यूपी के प्रयागराज कुंभ मेले में साधु संतों द्वारा लगाई गई होर्डिंग्स का मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कड़ा विरोध किया है। मौलाना ने कहा कि कुंभ मेला एक धार्मिक और पवित्र मेला है, और यहां राजनीति करना इस मेला की पवित्रता के खिलाफ होगा। उन्होंने मेला में आने वाले अखाड़ा परिषदों और प्रदेश सरकार से अपील की कि ऐसे विवादित मुद्दों को उठाने वालों पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड में जो जमीन है, वह मुसलमानों ने दी है, और किसी हिंदू ने उसमें कोई योगदान नहीं किया है।
दरअसल, प्रयागराज कुंभ मेला में जगतगुरु रामानंदाचार्य ने होर्डिंग्स लगाई थीं, जिनमें लिखा था, “वक्फ के नाम पर संपत्ति की लूट है” और “धर्मनिरपेक्ष देश में यह कैसी छूट है?” इससे पहले भी रामानंदाचार्य ने एक और होर्डिंग लगाई थी, जिसमें लिखा था, “डरेंगे तो मारेंगे”, जिसे लेकर देशभर में खूब चर्चा हुई थी। अब बरेली से मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने विरोध करते हुए कहा है कि कुंभ मेला हिंदू धर्म का अत्यंत पवित्र मेला और स्थान है, और सभी साधु-संतों और अखाड़ा परिषदों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे इसे हिंदू-मुस्लिम के अखाड़े में न बदलने दें। उन्होंने कहा कि अब इस मेले को एक ऐसा अखाड़ा बना दिया गया है, जहां सभी समस्याओं का समाधान ढूंढा जा रहा है।
मौलाना ने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड का गठन मुख्य रूप से लाचार और बेबस विधवाओं की मदद के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में जो जमीनें हैं, वह मुसलमानों द्वारा दी गई हैं, और किसी हिंदू ने उसमें कोई योगदान नहीं किया है। इसके अलावा, मौलाना ने यह भी कहा कि इस बोर्ड को सरकार ने नियंत्रित किया है, और उसी तरह से एक सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए, जिसका वह समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि मंदिरों और मठों की जमीनों और संपत्तियों की निगरानी के लिए सनातन बोर्ड का गठन अत्यंत आवश्यक है।
मौलाना ने यह आरोप भी लगाया कि वर्तमान समय में साधु-संत हिंदू-मुस्लिम एकता के दुश्मन बन गए हैं और वे देश में हिंदू-मुसलिम के नाम पर फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि बिल्कुल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने सरकार से अपील की कि ऐसे उकसाने वालों और समाज को बांटने की बातें करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।