जूना अखाड़े के सचिव महंत डॉ. करणपुरी महाराज ने कहा कि आईआईटी बाबा अभय सिंह एक मवाली और आवारा इंसान थे, न कि कोई साधु। वह हर जगह रुककर खाना खाते थे और टीवी पर बिना सोचे-समझे बयान देते रहते थे।
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बड़ी संख्या में बाबाओं और साधु-संतों ने हिस्सा लिया है, और इनमें से कई बाबा सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। इनमें एक नाम है अभय सिंह, जो आईआईटी मुंबई के छात्र रहे हैं और महाकुंभ में पहुंचे हैं। वे अब “आईआईटी बाबा” के नाम से जाने जा रहे हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर उनके वायरल वीडियो के बीच जूना अखाड़ा अभय सिंह से नाराज हो गया है। अखाड़े ने उन्हें मवाली और आवारा बताते हुए आरोप लगाया है कि वे अखाड़े की छवि को खराब कर रहे थे, इसलिए उन्हें मारकर बाहर कर दिया गया।
अभय सिंह के बारे में एनडीटीवी से बात करते हुए जूना अखाड़े के सचिव महंत डॉ. करणपुरी महाराज ने कहा, “वह एक मवाली और आवारा आदमी था, कोई साधु नहीं था। वह जगह-जगह रुककर खाना खाता था और टीवी पर अनाप-शनाप बातें करता था। वह बहुत ही गलत व्यक्ति था, इसलिए उसे अखाड़े से बाहर किया गया। वह अखाड़े में घूमा था, लेकिन न तो किसी का चेला था और न ही वह किसी से जुड़ा हुआ था।”
महंत ने आगे कहा, “वह खा-पीकर भाग जाता था, एकदम आवारा था। उसका स्वभाव गलत था, और वह पूरी तरह से मक्कार था। जैसे ही लोगों को उसकी असलियत पता चली, वे सतर्क हो गए और उसे पास नहीं आने दिया, उसे भागने पर मजबूर कर दिया।