Friday, September 12, 2025
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मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में मची भगदड़, 10 से ज्यादा मौत की आशंका, कईयों के घायल होने की खबर, पीएम मोदी ने योगी से तीन बार बात की

संगम नगरी में दर्दनाक हादसा: भगदड़ में 10 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत

मंगलवार रात संगम नगरी में एक बड़ा हादसा हो गया, जब भीड़ के अत्यधिक दबाव के कारण भगदड़ मच गई। इस दुर्घटना में 10 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई, हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मरने वालों की संख्या इससे अधिक हो सकती है।

हादसे में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि भगदड़ अफवाह के कारण हुई, जिसमें 50 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है, और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

महाकुंभ में भगदड़ का कहर: 10 से ज्यादा की मौत, कई घायल

मंगलवार रात संगम नगरी में महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ के दबाव के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में 10 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि चश्मदीदों के मुताबिक मृतकों की संख्या और अधिक हो सकती है। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि भगदड़ एक अफवाह के कारण हुई, जिसमें 50 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी को महाकुंभ नगर के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज जारी है। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस लगातार आ-जा रही हैं। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। यह दर्दनाक हादसा देर रात करीब 2 बजे संगम तट के पास हुआ, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

जो गिरा, वह संभल नहीं सका

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर मंगलवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, भीड़ ने कई स्थानों की बैरिकेडिंग तोड़ दी। रात होते-होते संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की तादाद और बढ़ गई। स्नान के लिए उमड़ी भीड़ ने अखाड़ों के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग को भी तोड़ने की कोशिश की। जहां जगह मिली, लोग वहीं बढ़ते चले गए।

आधी रात के बाद संगम तट के पास भीड़ अत्यधिक बढ़ने से स्थिति बेकाबू होने लगी। रात करीब दो बजे हालात नियंत्रण से बाहर हो गए और भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी के दौरान कई लोग नीचे गिर गए और फिर उठ नहीं सके, कुछ अन्य भीड़ में दबकर घायल हो गए।

हादसा पिलर नंबर 157 के पास हुआ। सूचना मिलते ही मेला कंट्रोल रूम और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। त्वरित कार्रवाई करते हुए पैरामिलिट्री फोर्स और एंबुलेंस को संगम क्षेत्र की ओर रवाना किया गया। राहत कार्य के तहत घायलों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया। केंद्रीय अस्पताल में कई श्रद्धालुओं को जमीन पर लिटाया गया, जहां एक अस्पताल कर्मी ने बताया कि कुछ लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

संगम की ओर न बढ़ें, अन्य घाटों का करें रुख

भगदड़ हादसे के बाद सभी श्रद्धालुओं से विनम्र अनुरोध किया जा रहा है कि वे संगम की ओर आने से बचें। प्रशासन की अपील है कि स्नान के लिए अन्य घाटों का चयन करें और सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। महाकुंभ क्षेत्र में लगे सैकड़ों माइक से लगातार यह संदेश प्रसारित किया जा रहा है, जो इस हृदयविदारक घटना की गंभीरता को दर्शाता है।

बच्चों को कंधे पर बैठाएं, धक्का-मुक्की से बचें

माइकों से बार-बार अनुरोध किया जा रहा है कि श्रद्धालु अपने बच्चों को कंधे पर बैठाकर आगे बढ़ें और किसी को धक्का न दें। भीड़ में धीरे-धीरे चलें और संयम बनाए रखें। श्रद्धालुओं की सहायता के लिए महाकुंभ मेला कंट्रोल रूम का संपर्क नंबर 1920 उपलब्ध है। हालांकि, हादसे के बाद अब तक कोई विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं किया गया है।

पांटून पुल नंबर 12 पर भीड़ अधिक, सावधानी बरतें

झूंसी की ओर स्थित पांटून पुल नंबर 12 पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। वहां मौजूद सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे समीप के घाटों पर स्नान करें और सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन लगातार सतर्कता बरत रहा है और श्रद्धालुओं को सावधान किया जा रहा है।

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