Thursday, September 11, 2025
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संगम की ओर बढ़ना हुआ मुश्किल! महाकुंभ में हर रास्ता जाम, जानें क्यों फैला इतना भारी ट्रैफिक

Prayagraj Mahakumbh Mela 2025 Traffic Update: अमृत स्नान के समापन के बावजूद प्रयागराज महाकुंभ में भीषण जाम की स्थिति बनी हुई है। श्रद्धालुओं का लगातार संगम नगरी में आना जारी है, जिससे संगम जाने वाले सभी मार्गों पर ट्रैफिक बाधित हो गया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने संगम स्टेशन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हो रहा है। अमृत स्नान पर्वों—मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी—के बाद भी संगम नगरी में भक्तों का तांता लगा हुआ है। नागा साधुओं की विदाई के बाद अनुमान था कि भीड़ कम होगी, लेकिन वीआईपी मूवमेंट बढ़ने से हालात और जटिल हो गए हैं। 5 फरवरी तक वीआईपी प्रोटोकॉल पर रोक थी, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के संगम स्नान के बाद से प्रतिदिन वीआईपी मूवमेंट बढ़ता जा रहा है। माघी पूर्णिमा स्नान (12 फरवरी) तक यही स्थिति बनी रहने की संभावना है।

नए इंतजाम, फिर भी समस्या बरकरार

बढ़ती भीड़ और जाम के कारण प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को 14 फरवरी तक बंद कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को अब प्रयागराज जंक्शन या अन्य स्टेशनों से यात्रा करनी होगी। सड़कों पर भी वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को 20-25 किमी तक पैदल चलकर संगम पहुंचना पड़ रहा है।

भीड़ नियंत्रण के लिए आपातकालीन योजना

मौनी अमावस्या की तरह रविवार को भी प्रयागराज जंक्शन की ओर भीड़ बढ़ी, जिससे प्रशासन को इमरजेंसी प्लान लागू करना पड़ा। श्रद्धालुओं को डायवर्ट कर खुसरोबाग भेजा गया, और भीड़ को संभालने के लिए 107 विशेष ट्रेनें चलाई गईं।

हर तरफ जाम, हाईवे पर लगा लंबा जाम

प्रयागराज से जुड़ने वाले सातों प्रमुख हाईवे—वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, रीवा और कानपुर रोड—पर ट्रैफिक का दबाव चरम पर है। प्रशासन द्वारा बनाए गए पार्किंग स्थल फुल हो चुके हैं, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं।

भीषण जाम के 5 प्रमुख कारण

1️⃣ फुल पार्किंग:
तीन मुख्य स्नान पर्वों के बाद पार्किंग स्थलों की संख्या 102 से घटाकर 36 कर दी गई, लेकिन तीर्थयात्रियों का दबाव कम नहीं हुआ। इससे सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ गया है।

2️⃣ प्रशासनिक तालमेल की कमी:
अमृत स्नान के दौरान प्रशासन ने वाहनों को बॉर्डर पर रोकने के लिए योजना बनाई थी, लेकिन अब कोई ठोस रणनीति नहीं है। नतीजतन, शहर में ट्रैफिक का दबाव बढ़ता जा रहा है।

3️⃣ सूचना और दिशानिर्देशों की कमी:
दूसरे राज्यों से आए पुलिस और सुरक्षाबल के जवानों को मेला क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का अधिक ज्ञान नहीं है। श्रद्धालुओं को सही रास्ता बताने के बजाय उन्हें “आगे बढ़ते रहें” कहकर टाल दिया जाता है।

4️⃣ सही मार्गदर्शन का अभाव:
सड़कों पर साइनेज और सूचना बोर्ड की कमी से श्रद्धालुओं और वाहन चालकों को सही मार्ग नहीं मिल पा रहा है। कई बार बैरिकेडिंग लगाकर भीड़ को रोक दिया जाता है, जिससे ट्रैफिक और बढ़ जाता है।

5️⃣ वीआईपी मूवमेंट:
हर दिन वीआईपी संगम स्नान के लिए पहुंच रहे हैं, जिससे जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई है। इससे यातायात प्रभावित हो रहा है और कई बार पुलिस व आम नागरिकों के बीच झड़प की स्थिति भी बन चुकी है।

क्या रहेगी आगे की व्यवस्था?

माघी पूर्णिमा स्नान के दौरान भी इसी तरह की भीड़ रहने की संभावना है। प्रशासन ने आपातकालीन योजना लागू कर दी है, लेकिन यातायात व्यवस्था को सुचारू करने के लिए अतिरिक्त उपायों की आवश्यकता होगी।

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