मुख्य बिंदु:
✅ रेखा गुप्ता ने दिल्ली की कमान संभाली, बनीं नई मुख्यमंत्री।
✅ शपथ ग्रहण के बाद यमुना आरती की और पहली कैबिनेट बैठक की।
✅ CM ऑफिस में अब भी अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें मौजूद।
दिल्ली में नई भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एक्शन में नजर आ रही हैं। दिल्ली की जनता से किए गए वादों में से एक यमुना नदी की सफाई को प्राथमिकता देते हुए, शपथ ग्रहण के पहले ही दिन उन्होंने अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ वासुदेव घाट पर पहुंचकर यमुना आरती की। लेकिन जब वह दिल्ली सचिवालय पहुंचीं, तो मुख्यमंत्री कार्यालय में अरविंद केजरीवाल के पुराने फैसले की छाप अब भी दिखाई दी।
मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी दिखी केजरीवाल की मौजूदगी
अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले में जमानत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और आतिशी को कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया गया था। उस समय आतिशी ने घोषणा की थी कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगी, क्योंकि यह कुर्सी केजरीवाल के लिए सुरक्षित है और चुनाव के बाद वह फिर से इस पद पर लौटेंगे। लेकिन चुनावों में आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी नहीं कर पाई और रेखा गुप्ता ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने उसी कुर्सी पर बैठकर कार्यभार संभाला, जिस पर कभी अरविंद केजरीवाल बैठा करते थे। हालांकि, उनके मुख्यमंत्री कार्यालय में केजरीवाल सरकार के एक पुराने फैसले की झलक अब भी मौजूद है।
केजरीवाल का ऐतिहासिक फैसला, जो अब भी लागू
25 जनवरी 2002 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया था कि दिल्ली सरकार के सभी दफ्तरों में सिर्फ डॉ. भीमराव अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें लगाई जाएंगी। किसी भी राजनीतिक नेता या मुख्यमंत्री की तस्वीर सरकारी कार्यालयों में नहीं लगाई जाएगी। गणतंत्र दिवस समारोह में उन्होंने घोषणा की थी कि वह डॉ. अंबेडकर से सबसे अधिक प्रेरित हैं और भगत सिंह को एक क्रांतिकारी नायक मानते हैं।
अब, भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बावजूद, मुख्यमंत्री कार्यालय में अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें अब भी