नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में 27 साल बाद भाजपा की सरकार बनी है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद रेखा गुप्ता की सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। सरकार के फैसलों से अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया, जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मूल विभाग में लौटने का निर्देश दिया गया। साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों के निजी स्टाफ की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं।
स्वास्थ्य और परिवहन मंत्रालय में कड़ा रुख
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवहन मंत्रालय संभाल रहे डॉक्टर पंकज सिंह ने कहा कि उन्होंने आज एक अहम बैठक बुलाई है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की दयनीय स्थिति पर चिंता जताई और इसे सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही। मंत्री पंकज सिंह एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं।
जांच के घेरे में मोहल्ला क्लीनिक और डीटीसी
स्वास्थ्य और परिवहन मंत्री ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों की विस्तृत जांच की जाएगी। इसमें दवाइयों की उपलब्धता से लेकर डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन तक हर पहलू की समीक्षा होगी। किसी भी अनियमितता पर सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही, डीटीसी बसों की स्थिति का भी पूरा आकलन किया जाएगा। बताया गया है कि 40% बसें डिपो में खड़ी हैं और नई बसें नहीं खरीदी गई हैं। हालांकि, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की सुविधा जारी रहेगी।
दिल्ली सरकार ने बुलाया विधानसभा सत्र
सरकार ने पहला विधानसभा सत्र 24, 25 और 27 फरवरी को बुलाने का निर्णय लिया है। इस सत्र में अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री आवास को लेकर सीएजी की रिपोर्ट पेश की जा सकती है। रेखा गुप्ता सरकार का कहना है कि पिछली सरकार द्वारा लंबित 14 CAG रिपोर्ट्स को अब सदन में पेश किया जाएगा।
शराब घोटाले की रिपोर्ट आएगी सामने
सीएजी की रिपोर्ट में कथित दिल्ली शराब घोटाले का भी जिक्र होगा, जिसमें सरकार को 2026 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बनाए गए आलीशान सीएम आवास का भी उल्लेख होगा, जिसे विपक्ष ने ‘शीशमहल’ करार दिया था।