Trump Tariff: बढ़ते टैरिफ का असर! अमेरिका जिन देशों से आयात करता है, वे भी प्रभावित, अमेरिकी कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग पर पड़ेगा असर।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए टैरिफ का ऐलान कर दिया है, जिसे उन्होंने अमेरिका और वहां की जनता के हित में उठाया गया कदम बताया है। खास बात यह है कि इस फैसले को ‘मुक्ति दिवस’ नाम दिया गया है। लेकिन असली सवाल यह है कि इन टैरिफ दरों का असर किस पर पड़ेगा?
टैरिफ लिस्ट में चीन समेत कई ऐसे देश शामिल हैं, जिनसे आयात होने वाले सामान पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा। इसका सीधा असर अमेरिकी नागरिकों पर पड़ सकता है, क्योंकि iPhone, कारों और अन्य जरूरी सामान की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
क्यों पड़ेगा असर?
अमेरिका कई ऐसे देशों से सामान आयात करता है, जिन पर अब अधिक टैरिफ लगेगा। कई अमेरिकी कंपनियों ने भी इन देशों में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की हैं। वहीं, कई कंपनियां इन देशों से उत्पाद मंगाकर अमेरिकी बाजार में बेचती हैं। जब इन कंपनियों को ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा, तो वे अपनी लागत बढ़ाकर उत्पादों की कीमतें बढ़ा सकती हैं, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगे दाम चुकाने पड़ सकते हैं।
Trump Tariff: क्या बढ़ेंगी रोजमर्रा की चीजों की कीमतें? iPhone, कार, शराब और कपड़ों पर असर!

ट्रंप सरकार के नए टैरिफ फैसले के चलते कंपनियों को अब ज्यादा शुल्क देना होगा। इससे कीमतें बढ़ने की संभावना है, और कुछ कंपनियां इम्पोर्ट ही बंद करने का फैसला ले सकती हैं। हालांकि, अभी तक किसी कंपनी ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है। लेकिन अगर ऐसा हुआ, तो अमेरिकी बाजार में सामान की कमी होगी और महंगाई बढ़ सकती है।
किन चीजों पर पड़ेगा असर?
iPhone और इलेक्ट्रॉनिक्स:
iPhone का बड़ा हिस्सा चीन में तैयार होता है, हालांकि हाल ही में Apple ने इसका कुछ हिस्सा भारत में शिफ्ट किया है। लेकिन दोनों ही देश अमेरिकी टैरिफ का सामना कर रहे हैं, जिससे Apple प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे देश, जहां से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक्स आयात होते हैं, वे भी प्रभावित होंगे।
कारें:
अमेरिका के कई कार निर्माता ऑटो पार्ट्स के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहते हैं। ट्रंप सरकार ने 10% बेस टैरिफ का ऐलान किया है, जबकि पहले से ही कुछ देशों पर 25% टैरिफ लागू था। इससे कारों की कीमतें बढ़ सकती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी बाजार में सस्ती कारों की कीमत 2,500 से 5,000 डॉलर तक बढ़ सकती है।
शराब और बीयर:
अमेरिका में सबसे ज्यादा बिकने वाली मोडेलो और कोरोना ब्रांड की बीयर आयात की जाती हैं। एल्युमिनियम पर टैरिफ बढ़ने से बीयर की कीमतों में इजाफा हो सकता है। इसके अलावा, इटली, फ्रांस और स्पेन की वाइन, जर्मनी की बीयर और स्कॉटलैंड की व्हिस्की भी यूरोपीय संघ और ब्रिटेन पर लगाए गए टैरिफ की वजह से महंगी हो सकती हैं।
नाश्ता होगा महंगा:
लैटिन अमेरिकी देशों पर टैरिफ बढ़ने से कॉफी, चॉकलेट और एवोकाडो की कीमतें बढ़ सकती हैं। अमेरिका बड़ी मात्रा में ब्राजील और कोलंबिया से कॉफी बीन्स आयात करता है, जबकि एवोकाडो के लिए मैक्सिको पर निर्भर है।
कपड़े और जूते:
वॉलमार्ट और टारगेट जैसे अमेरिकी स्टोर्स में मिलने वाले कई कपड़े अमेरिका में नहीं, बल्कि चीन, वियतनाम और बांग्लादेश में बनाए जाते हैं। ये सभी देश नए टैरिफ नियमों से प्रभावित होंगे, जिससे कपड़े और जूतों की कीमतें बढ़ने की आशंका है।
क्या महंगाई से जूझेंगे अमेरिकी उपभोक्ता?
अगर कंपनियां बढ़े हुए टैरिफ का बोझ ग्राहकों पर डालती हैं, तो रोजमर्रा की चीजों की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे आम अमेरिकी नागरिकों को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है।