Trump Tariff Impact: अमेरिकी टैरिफ की तपिश में जल उठा शेयर बाजार, दो दिन में S&P 500 गिरकर 11 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा, 5.4 ट्रिलियन डॉलर का बाजार मूल्य स्वाहा। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान ने बढ़ाई बाजार की बेचैनी।
Trump Tariff Effect: अमेरिकी टैरिफ का तगड़ा झटका, दो दिन में 5.4 ट्रिलियन डॉलर बाजार मूल्य स्वाहा, S&P 500 इंडेक्स 11 महीने के निचले स्तर पर
अमेरिकी टैरिफ के असर से वॉल स्ट्रीट भी बुरी तरह हिल गया है। केवल दो कारोबारी सत्रों में ही S&P 500 इंडेक्स फिसलकर 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया, और लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 5.4 ट्रिलियन डॉलर तक घट गया। इस बीच फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान ने गिरावट को और गहरा कर दिया। वर्जीनिया में सोसाइटी फॉर एडवांसिंग बिजनेस एडिटिंग एंड पब्लिशिंग कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पॉवेल ने कहा कि टैरिफ का प्रभाव उम्मीद से कहीं ज्यादा गंभीर हो सकता है और इससे महंगाई पर लगातार दबाव बना रह सकता है। उन्होंने यह भी इशारा किया कि ऐसी स्थिति में ब्याज दरों में कटौती को लेकर अनिश्चितता बनी रहेगी। इससे पहले, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पॉवेल पर दरों में कटौती का दबाव डाला था।
अमेरिकी बाजार पर मंदी का साया: बेयर्स के शिकंजे में फंसा वॉल स्ट्रीट!
5 अप्रैल को S&P 500 इंडेक्स करीब 6% की गिरावट के साथ बंद हुआ, जो मार्च 2020 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी एक-दिनी गिरावट है। इंडेक्स के महज 14 स्टॉक्स ही हरे निशान में बंद हो सके। Nasdaq 100 भी लगभग 6% टूट गया, और अब यह साफ तौर पर बेयर्स के दबाव में है। फरवरी में जो तेजी देखी गई थी, उसमें अब तक करीब 20% की गिरावट आ चुकी है — इससे पहले ऐसी भारी गिरावट सिर्फ 2020 की महामारी के दौरान और 2000 के डॉट कॉम क्रैश के समय देखने को मिली थी।
S&P 500 के सभी 11 सेक्टर्स में गिरावट आई है। टेक जायंट्स भी इससे नहीं बच सके — एनवीडिया कॉर्प और एप्पल इंक के शेयर लगभग 7% लुढ़के, जबकि टेस्ला इंक 10% तक गिर गया।
विशेषज्ञों की क्या है राय?
ब्लूमबर्ग से बातचीत में Pictet Asset Management के चीफ स्ट्रैटेजिस्ट लूका पाओलिनी ने कहा कि बाजार बुरी तरह से टूट रहा है, और कारोबारी युद्ध की बढ़ती तपिश के चलते अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी की ओर फिसलने का खतरा गहरा गया है। उन्होंने कहा, चीन की जवाबी कार्रवाई अप्रत्याशित नहीं थी, लेकिन इससे मंदी की राह साफ हो गई है। जब तक ट्रंप अपने रुख में नरमी नहीं दिखाते, हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे।
गौरतलब है कि चीन ने अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर 10 अप्रैल से 34% का भारी टैरिफ लागू कर दिया है। दूसरी ओर, ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वे अपनी आर्थिक रणनीति में कोई बदलाव नहीं करने वाले।