Friday, September 12, 2025
No menu items!
HomeNewsजातीय जनगणना पर मोदी सरकार का यू-टर्न नीतीश की भूमिका अहम

जातीय जनगणना पर मोदी सरकार का यू-टर्न नीतीश की भूमिका अहम

जातीय जनगणना अब राष्ट्रीय एजेंडे में शामिल हो गई है। बिहार की कई योजनाओं की तरह अब केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना को भी अपना लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पुरानी मांग को हरी झंडी दे दी है। ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारे देने वाले मोदी अब जाति आधारित आंकड़े जुटाने की राह पर हैं।
बिहार सरकार ने जातीय सर्वे के बाद बड़ा कदम उठाते हुए 94 लाख गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2-2 लाख रुपये देने का ऐलान किया था।

🟡 हाइलाइट्स

🔸 केंद्र की मोदी सरकार कराएगी जातीय जनगणना
🔸 बिहार में सीएम नीतीश कुमार पहले ही करा चुके हैं जाति आधारित सर्वे
🔸 नीतीश की पुरानी मांग को अब मिली मंजूरी
🔸 बिहार चुनाव से पहले केंद्र सरकार का बड़ा कदम

पटना: एक हैं तो सेफ हैं” का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब जातीय जनगणना के पक्ष में हैं — यह कई लोगों के लिए हैरानी की बात हो सकती है। कभी सुप्रीम कोर्ट में जातीय जनगणना से बचने की दलीलें देने वाली केंद्र सरकार ने अब खुद इसे कराने का फैसला लिया है।

इस बदलाव की बड़ी वजह माने जा रहे हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। बिहार में पहले ही जातीय सर्वे हो चुका है और उसके बाद केंद्र सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाया है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के इस फैसले की जड़ में नीतीश कुमार की वर्षों पुरानी मांग और दबाव है।

प्रधानमंत्री मोदी खुद नीतीश को “बिहार के लोकप्रिय और विकासशील मुख्यमंत्री” कह चुके हैं। अब जातीय जनगणना को लेकर केंद्र का रुख भी नीतीश की ओर झुकता दिख रहा है।

इस बीच, आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने भी क्रेडिट लेने की कोशिश की है। उन्होंने दावा किया कि 1996-97 में उनकी पहल पर ही संयुक्त मोर्चा सरकार ने जाति आधारित गणना का फैसला लिया था। हालांकि, यूपीए सरकार के दस सालों में यह मांग कभी आगे नहीं बढ़ी।

बिहार में नीतीश कुमार ने सर्वदलीय सहमति से जातीय सर्वे कराया, डेटा जारी किया और 65% तक आरक्षण लागू किया। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने इस आरक्षण पर रोक लगाई हो, लेकिन नीतीश सरकार गरीबों के लिए योजनाओं पर काम कर रही है। 94 लाख गरीब परिवारों की पहचान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए ₹2 लाख की सहायता देने की योजना चल रही है।

एक वक्त में विपक्षी गठबंधन INDIA का बड़ा चुनावी मुद्दा रही जातीय जनगणना पर अब केंद्र की मोदी सरकार का फैसला विपक्ष के हथियार को कमजोर कर सकता है। बिहार चुनाव के समीकरण इस फैसले से तेजी से बदलते दिख रहे हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular