Friday, September 12, 2025
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पानी पर भला कौन हंसता है

भगवती जोशी
खेमली. मैं बात कर रही हूं उदयपुर जिले के मावली तहसील ग्राम पंचायत नांदवेल के राजस्व गांव देवाली की. जहां मैंने जाना महिलाओं से पानी की समस्या का हाल. पिछले दिनों मैं ग्राम पंचायत खेमली में महिलाओं की एक मीटिंग में मैं सोनू से मिली. वहां पर मैं महिलाओं से बात कर रही थी कि आपके गांव में किस तरह की समस्या तो नहीं है. सभी महिलाएं अलग-अलग गांव से आई हुई थी । और अपनी-अपने समस्याएं बता रही थी। जिसमें से सोनू कंवर ने अपनी व्यक्तिगत समस्या न बताते हुए उन्होंने अपने गांव की सामूहिक समस्या मुझे बताई की मैडम हमारे गांव में पानी की बहुत समस्या है.

2 साल से बोरिंग खुदा हुआ है लेकिन मोटर नहीं लगाई

2 साल पहले ग्राम पंचायत की तरफ से आंगनबाड़ी के पास एक बोरवेल खुदवाई, जिसमें अभी तक पानी की मोटर नहीं डाली गई है. 2 साल हो गए कितनी बार सरपंच साहब को सचिव साहब को वार्ड पंच साहब को सबको बोल दिया हमारी तो कोई सुनता ही नहीं है। तो मैंने उनको बोला कि मैं आपके गांव की तरफ जब भी आऊंगी तब आपसे मिलने आऊंगी

सोनू के बुलाने पर गांव पहुंची

आज 8 मई को मैं उनके गांव पहुंची और उन्होंने काफी महिलाओं को वहां इकट्ठा किया। हम पानी की टंकी के पास गए. वहां मैंने सभी महिलाओं से बात की. सभी महिलाओं ने बताया कि यहां पानी की बहुत समस्या है।

टंकी में पानी है, 100 रु भी देते हैं, लेकिन सप्लाई ना के बराबर

मांगी बाई सेन ने बताया की पानी होते हुए भी पानी की सप्लाई समय पर नहीं दी जाती है और जब आता है तो दो से तीन मटकी पानी भर आता है और बंद कर दिया जाता है. और हर महीने हम पानी का 100 रुपए शुल्क दे रहे हैं। पैसे देते हुए भी हमें पानी समय पर नहीं मिल पा रहा है पानी है फिर भी ।

हर घर नल योजना को ठेंगा

कुछ महिलाओं के घरों में तो पानी के नल के कनेक्शन ही नहीं है जबकि सरकार की योजना हर घर नल योजना तो खूब चल रही है।

इस उम्र में पानी के लिए दर- दर की ठोकरे खानी पड़ती है

इस दौरान मैंने बुजुर्ग महिला से बात करी वह भी बता रहे हैं कि मेरे घर में नल कनेक्शन होते हुए भी पानी नहीं मिलता है. पानी लेने के लिए मैं कहां जाऊं इस अवस्था में मेरे से क्या अपनी इस उम्र में लाया जाता है क्या।

पानी पर भला कौन हंसता है

इस दौरान में महिलाओं से बात कर रही थी तो वहां पर कुछ युवा लड़के भी खड़े थे। महिलाए अपनी समस्या बता रही थी पर वे हंसी ठिठोलिया कर रहे थे. वे क्या समझे इन महिलाओं का दर्द. क्योंकि महिलाओं को ही तो दिन-रात पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है…उन्हें तो बस घर में सीधा पानी भरा हुआ मिल जाता है बस उनसे उसका काम चल जाता है। महिलाएं अपनी समस्या सुनाई रही थी यह युवा अपने बयान बाजी से बाज नहीं आ रहे थे। मुझे इस बात का बहुत दर्द हुआ क्योंकि यह उनके गांव की समस्या थी और अपनी समस्या बताने की बजाय जो महिलाएं बता रही थी उन पर भी वह हंस रहे थे l

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