Monday, October 27, 2025
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पाकिस्तान के परमाणु हथियारों तक पहुंच गया था भारत, नूर खान की तबाही में छिपा सीजफायर का राज

भारत का नूर खान एयरबेस पर सटीक हमला पाकिस्तान की सैन्य और परमाणु क्षमता पर करारा प्रहार था — यह संदेश भी साफ था कि अब भारत आतंकवाद और हर उकसावे का निर्णायक जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है.

भारत का परमाणु घेरा: नूर खान एयरबेस पर हमले से बदला युद्ध का पूरा परिदृश्य

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या ने भारत-पाक संबंधों में तनाव की पराकाष्ठा ला दी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत करते हुए पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। लेकिन 10 मई की सुबह हुआ हमला इस ऑपरेशन का सबसे चौंकाने वाला और निर्णायक क्षण बना—जब भारत ने पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर सटीक मिसाइल हमला कर दिया।

यह हमला सिर्फ एक सैन्य ठिकाने पर नहीं था, यह पाकिस्तान की परमाणु ताकत के मुहाने पर भारत की सीधी चेतावनी थी।

नूर खान एयरबेस: सिर्फ एक लक्ष्य नहीं, एक रणनीतिक संदेश

पूर्व में चकला एयरबेस कहलाया जाने वाला नूर खान एयरबेस, इस्लामाबाद से महज 10 किलोमीटर दूर रावलपिंडी में स्थित है। यह पाकिस्तान वायुसेना का एक रणनीतिक लॉजिस्टिक केंद्र है, जहाँ से वीआईपी मूवमेंट, टोही मिशन और मिसाइल ऑपरेशन संचालित होते हैं। यही नहीं, यह बेस पाकिस्तान के परमाणु नियंत्रण केंद्रों SPD और NCA के बेहद करीब भी है।

10 मई को भारत ने ब्रह्मोस, स्कैल्प और हैमर जैसी उच्च-परिशुद्धता मिसाइलों से एयरबेस को निशाना बनाया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम इस हमले को ट्रैक तक नहीं कर सका। एयरबेस की मूल संरचना को भारी नुकसान पहुंचा और पाकिस्तानी सैन्य तंत्र में खलबली मच गई।

परमाणु खतरे की दस्तक

नूर खान एयरबेस से महज कुछ किलोमीटर दूर मौजूद पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर भी इस हमले की रेंज में आ गया था। अमेरिकी रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत ने एक रणनीतिक संकेत दिया कि वह पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं को निष्क्रिय करने की ताकत रखता है।

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अगर भारत की ब्रह्मोस मिसाइल थोड़ी और सटीक होती, तो परमाणु जखीरे में विस्फोट और रेडिएशन जैसी भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। हालाँकि इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी और भारत ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं दी।

सीजफायर की पृष्ठभूमि में अमेरिकी दबाव

हमले के तुरंत बाद अमेरिका में भी हड़कंप मच गया। रिपोर्टों के मुताबिक, 9 मई की रात अमेरिका को दक्षिण एशिया में परमाणु संघर्ष की संभावना संबंधी खुफिया सूचना मिली। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने तत्काल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता शुरू की।

10 मई की शाम 5 बजे, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा की, जिसे दोनों देशों ने स्वीकार कर लिया। एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, अमेरिका की तेज कूटनीतिक सक्रियता ने एक संभावित युद्ध को टाल दिया।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई

इस ऑपरेशन में भारत ने न केवल नूर खान एयरबेस बल्कि चकवाल, शोरकोट, रहीम यार खान और अन्य ठिकानों पर भी हमले किए। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के कई कैंप ध्वस्त किए गए।

भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकी मारे गए। वहीं, रक्षा मंत्रालय की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी ने इस ऑपरेशन को आतंक के खिलाफ वैध और सटीक कार्रवाई बताया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: नाकामी और रणनीतिक कमजोरियाँ

नूर खान एयरबेस पर भारतीय हमले के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई के तहत भारतीय हवाई क्षेत्र में करीब 400 ड्रोन भेजने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना ने इन सभी प्रयासों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। इस दौरान पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम भारतीय मिसाइलों को ट्रैक करने और रोकने में विफल रहा, जिससे उसकी सैन्य क्षमताओं की गंभीर कमजोरियाँ सामने आ गईं।

नूर खान एयरबेस की तबाही ने पाकिस्तान को सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर भी बैकफुट पर ला दिया। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने की चेतावनी दी, जो पाकिस्तान की जल-आधारित कृषि व्यवस्था और आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

परमाणु हथियारों की रणनीति और भारत की बढ़त

स्वीडन स्थित प्रतिष्ठित थिंक टैंक SIPRI की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास लगभग 172 और पाकिस्तान के पास 170 परमाणु वॉरहेड हैं। रणनीतिक दृष्टिकोण से दोनों देशों की नीति में बड़ा अंतर है—पाकिस्तान ने ‘फर्स्ट यूज’ यानी पहले परमाणु हमला करने की नीति अपनाई हुई है, जबकि भारत ‘नो फर्स्ट यूज’ की नीति पर अडिग है, जिसमें परमाणु हथियार केवल आत्मरक्षा में उपयोग किए जाते हैं।

10 मई को नूर खान एयरबेस पर किए गए सटीक मिसाइल हमले ने यह साफ संकेत दिया कि भारत में पाकिस्तान के रणनीतिक और परमाणु ठिकानों को निष्क्रिय करने की क्षमता मौजूद है। इस एक कार्रवाई ने पाकिस्तान की परमाणु धमकी को केवल शब्दों की गूंज में तब्दील कर दिया।

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