पंचकूला सेक्टर-27 में एक ही परिवार के सात लोगों द्वारा जहर खाकर आत्महत्या करने का मामला अब भी रहस्य बना हुआ है। बताया जा रहा है कि कारोबारी को भारी नुकसान हुआ था और फाइनेंसर लगातार जान से मारने की धमकियां दे रहे थे। इसी दबाव में उसने अपने पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। इस बीच, कारोबारी की साली ने चौंकाने वाला खुलासा कर मामले में नया मोड़ ला दिया है।

पंचकूला के सेक्टर-27 में सोमवार रात करीब 10:15 बजे एक ही परिवार के सात सदस्यों द्वारा जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की घटना अब भी रहस्य बनी हुई है। पुलिस इस मामले की जांच आत्महत्या और हत्या दोनों पहलुओं से कर रही है। मौके से दो सुसाइड नोट बरामद हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, इन नोट्स में यह लिखा है कि फाइनेंसर लगातार कर्ज की वसूली को लेकर दबाव बना रहे थे और परिवार को धमकाया जा रहा था। प्रवीन मित्तल और उनके परिवार को जान से मारने की धमकियां भी मिल रही थीं।
प्रवीन मित्तल के ससुर राकेश गुप्ता और पुलिस के अनुसार, करोड़ों रुपये का कर्ज और लगातार बना दबाव प्रवीन की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर रहा था। इसी तनाव के चलते उन्होंने यह दुखद कदम उठाया
पंचकूला में सामूहिक आत्महत्या का रहस्य गहराया, पुलिस हत्या और खुदकुशी दोनों एंगल से जांच में जुटी
पंचकूला के सेक्टर-27 में सोमवार रात करीब 10:15 बजे एक ही परिवार के सात लोगों के जहर खाकर जान देने की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस इस केस की जांच हत्या और आत्महत्या दोनों नजरियों से कर रही है। मौके से दो सुसाइड नोट मिले हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
परिवार को मिल रही थीं धमकियां

सूत्रों के अनुसार, सुसाइड नोट में फाइनेंसरों द्वारा लगातार दबाव बनाने और जान से मारने की धमकी देने की बात सामने आई है। मृतकों में प्रवीन मित्तल (42), उनकी पत्नी रीना (38), माता विमला (71), पिता देशराज (72), बेटा हार्दिक (14) और जुड़वां बेटियां ध्रुविका व डलिशा (11) शामिल हैं।
व्यवसायिक घाटे ने बढ़ाई परेशानी
मूल रूप से हिसार के रहने वाले प्रवीन मित्तल ने साल 2007-08 में देहरादून शिफ्ट होकर स्क्रैप फैक्ट्री शुरू की थी, लेकिन इसमें करोड़ों का घाटा हो गया। इसके बाद उन्होंने फाइनेंसरों से कर्ज लेकर टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार शुरू किया, लेकिन वो भी नहीं चला। अंततः प्रवीन 25 दिन पहले संकेतड़ी में किराए के मकान में परिवार के साथ रहने लगे थे।

सवालों के घेरे में समय और स्थान
सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, मृतक परिवार की कार शाम 6:40 से रात 10 बजे तक सेक्टर-27 के मकान नंबर 1204 के पीछे खाली प्लॉट में खड़ी रही। संदेह यह है कि कहीं परिवार ने कथा में जाने से पहले ही तो जहर नहीं खा लिया था? घटना से जुड़ा एक और तथ्य यह भी है कि लोगों को कार में बैठे प्रवीन मित्तल की स्थिति ठीक नहीं लगी, जबकि बाकी सभी सदस्य बेसुध पड़े थे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
पारिवारिक बयानों में विरोधाभास

प्रवीन के भतीजे अंकित मित्तल का कहना है कि प्रवीन पहले भी आर्थिक तनाव से गुजरे थे, लेकिन कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाया। वहीं, प्रवीन के ससुर राकेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने करीब एक करोड़ का कर्ज लिया था और लंबे समय से परेशान चल रहे थे। प्रवीन की साली राखी गुप्ता का कहना है कि उन्होंने हमेशा प्रवीन की मदद की, लेकिन वह घाटे से उबर नहीं पाए।
अंतिम संस्कार का जिक्र सुसाइड नोट में
अंकित मित्तल ने बताया कि उन्हें पुलिस ने सूचित किया कि सुसाइड नोट में प्रवीन ने अपने बुआ के बेटे संदीप अग्रवाल को अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी सौंपी है।

पुलिस की जांच जारी
डीसीपी (क्राइम) अमित दहिया ने बताया कि प्रवीन मित्तल के मोबाइल फोन की जांच की जा रही है और जिन फाइनेंसरों से बात हुई, उनसे पूछताछ की जाएगी। फॉरेंसिक टीम सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग का विश्लेषण कर रही है ताकि यह तय किया जा सके कि इसे लिखा किसने।