मैच के प्रमुख हाईलाइट्स:
- RCB ने रोमांचक मुकाबले में पंजाब को 6 रन से मात दी।
- शशांक सिंह ने 61 रन की नाबाद पारी खेलकर शानदार प्रदर्शन किया।
- जोश हेजलवुड ने अपनी आखिरी 4 गेंदों में 22 रन देकर मैच में बड़ा मोड़ लाया।
विराट कोहली की भावनात्मक जीत के आंसू हर जगह चर्चा का विषय बने हुए हैं, और ऐसा होना भी स्वाभाविक है। उन्होंने 18 वर्षों तक आईपीएल ट्रॉफी जीतने के लिए अथक प्रयास किया। हालांकि, अहमदाबाद में एक और खिलाड़ी था, जिसने उसी रात भावनाओं में बहकर आंसू बहाए—लेकिन उसकी पीड़ा किसी को नजर नहीं आई। इससे पहले कि वह रोता, उसने RCB को कड़ी चुनौती देकर जीत के लिए मजबूर कर दिया
हम शशांक सिंह की बात कर रहे हैं—वही खिलाड़ी जिसने पंजाब किंग्स की जीत की उम्मीद को अंत तक कायम रखा। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने धैर्य नहीं खोया और आक्रामक बल्लेबाजी जारी रखी। पंजाब भले ही 6 रन से पीछे रह गई, लेकिन शशांक सिंह ने अपनी शानदार पारी से दिखाया कि सच्चा क्रिकेटर आखिरी गेंद तक लड़ता है।

पंजाब की डगमगाती उम्मीदों को आखिरी पलों तक जीवित रखा।
आईपीएल 2025 के फाइनल में RCB ने 20 ओवर में 190 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। जवाब में, पंजाब ने तेज शुरुआत की, लेकिन पहला विकेट गिरते ही टीम पर दबाव साफ नजर आने लगा। लगातार विकेट गिरने से उनकी लय टूट गई। श्रेयस अय्यर और जोश इंगलिस के आउट होने के बाद पंजाब की जीत की उम्मीदें कमजोर पड़ने लगीं, और मुकाबला RCB के पक्ष में जाता दिखा
7वीं गेंद से मचाना शुरू किया धमाल
मैदान पर आते ही शशांक सिंह ने पहले छह गेंदों पर सिंगल और डबल लेकर खुद को सेट किया। लेकिन सातवीं गेंद पर शेफर्ड को शानदार चौका जड़कर उन्होंने यह साफ कर दिया कि वह आसानी से हार मानने वालों में से नहीं हैं। इसके बाद 17वें ओवर में हेजलवुड की गेंदों पर दो गगनचुंबी छक्के लगाकर उन्होंने पंजाब की जीत की उम्मीदें फिर से जगा दीं।।
4 गेंदों में 22 रन की तूफानी पारी
भुवनेश्वर 19वां ओवर लेकर आए, जिसमें शशांक ने एक चौका और एक छक्का जड़कर आक्रमण जारी रखा। फिर आया 20वां ओवर, जिसे हेजलवुड ने फेंका। शुरुआती दो गेंदों पर कोई रन नहीं बना, लेकिन तीसरी गेंद पर शशांक ने शानदार छक्का लगाया। चौथी गेंद पर चौका और आखिरी दो गेंदों पर लगातार दो छक्के जड़ते हुए इस ओवर में 22 रन बटोरे
सिर्फ एक गेंद और…
शशांक ने 30 गेंदों पर नाबाद 61 रन बनाए, जिसमें तीन चौके और छह छक्के शामिल रहे। उन्होंने दिखा दिया कि हार के करीब पहुंचकर भी लड़ना संभव है। उनकी पारी ने भरोसा बनाए रखा और क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को साफ तौर पर दर्शाया। अगर उन्हें एक और गेंद खेलने का मौका मिल जाता, तो शायद मैच का नतीजा कुछ और ही होता!