ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग फिलहाल थमने के कोई संकेत नहीं दे रही है। दोनों देशों के बीच सीजफायर को लेकर अब तक कोई बातचीत शुरू नहीं हुई है। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को लेकर एक बड़ा और विवादास्पद बयान दिया है।
खामेनेई की हत्या से खत्म होगा संघर्ष: नेतन्याहू
एबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में नेतन्याहू ने कहा कि वह ईरानी नेता खामेनेई को निशाना बनाने की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम वही कर रहे हैं जो हमें करना चाहिए।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह ज़्यादा विवरण में नहीं जाएंगे, लेकिन इजरायल पहले ही ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बना चुका है। नेतन्याहू ने ईरानी नेतृत्व की तुलना “हिटलर की परमाणु टीम” से की और कहा कि खामेनेई की हत्या से संघर्ष बढ़ेगा नहीं, बल्कि खत्म हो जाएगा।
ईरान के शांति प्रस्तावों को बताया फर्जी
इजरायली प्रधानमंत्री ने ईरान की शांति वार्ता और परमाणु बातचीत की मंशा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ईरान केवल दिखावटी वार्ताएं करना चाहता है, जिसमें वह झूठ बोलता है, धोखा देता है और अमेरिका को फंसाने की कोशिश करता है। नेतन्याहू ने कहा, “वे ‘इजरायल की मौत, अमेरिका की मौत’ जैसे नारे लगाते हैं। यह खतरा सिर्फ इजरायल के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका, यूरोप और हमारे अरब पड़ोसियों के लिए भी है।”
अमेरिकी समर्थन और ट्रंप की भूमिका
नेतन्याहू ने ट्रंप प्रशासन की “अमेरिका फर्स्ट” नीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इजरायल सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के दुश्मनों से भी लड़ रहा है। उन्होंने आगाह किया कि ईरान से उत्पन्न खतरा जल्दी ही अमेरिका तक भी पहुंच सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने उस इजरायली योजना को वीटो कर दिया था जिसमें ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई की हत्या की साजिश थी। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया गया कि जब तक ईरान अमेरिका के किसी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाता, तब तक अमेरिका ईरान के राजनीतिक नेतृत्व को निशाना बनाने की किसी योजना का समर्थन नहीं करेगा।