Sunday, October 26, 2025
No menu items!
HomeHindi newsG7 सम्मेलन में मोदी-ट्रंप वार्ता: "भारत किसी भी मध्यस्थता को नहीं मानता...

G7 सम्मेलन में मोदी-ट्रंप वार्ता: “भारत किसी भी मध्यस्थता को नहीं मानता – न पहले, न अब” | जानिए 35 मिनट की फोन कॉल में क्या-क्या हुआ?

G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता — न पहले किया है, न अब करता है, और न भविष्य में करेगा। यह सीधा संदेश मोदी ने ट्रंप को फोन पर बातचीत के माध्यम से दिया, क्योंकि इज़राइल-ईरान संकट के चलते आमने-सामने की बैठक संभव नहीं हो सकी।


भारत की विदेश नीति का स्पष्ट रुख

विदेश सचिव विक्रम मिसरी के अनुसार, यह 35 मिनट की बातचीत राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर हुई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि कश्मीर या पाकिस्तान से जुड़े मुद्दों में भारत का रुख सदैव यही रहा है — ये द्विपक्षीय मसले हैं, जिनमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं हो सकती।


भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव पर स्थिति स्पष्ट

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच जो सैन्य तनाव हुआ, उसमें किसी भी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी। सीमा पर गोलीबारी रोकने को लेकर जो संवाद हुआ, वह दोनों देशों की सेनाओं के बीच मौजूद स्थापित सैन्य चैनलों के जरिए हुआ, और वह भी पाकिस्तान की पहल पर।


ऑपरेशन ‘सिंदूर’ पर ट्रंप को दी गई जानकारी

इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बारे में भी बताया — यह भारत की सीमापार आतंकवाद के खिलाफ की गई एक ठोस सैन्य कार्रवाई थी। इस पर भी ट्रंप ने चर्चा की और भारत को आतंकवाद के खिलाफ समर्थन का आश्वासन दोहराया।


ट्रंप को भारत आने का आमंत्रण

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत आने का न्योता भी दिया। हालांकि अभी यात्रा की तिथि और रूपरेखा की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।


रणनीतिक स्वायत्तता का मजबूत संकेत

यह वार्ता ऐसे समय पर हुई जब भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर चर्चाएं तेज हैं और दक्षिण एशिया में भारत की भूमिका पर वैश्विक समीकरणों में बदलाव देखा जा रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का यह सख्त और सीधा बयान भारत की विदेश नीति की स्थिरता और रणनीतिक स्वायत्तता को दर्शाता है।

विश्लेषकों के अनुसार, यह बयान अमेरिका सहित पूरी दुनिया के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अपने क्षेत्रीय मामलों में किसी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा में कोई समझौता नहीं करेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular