इन दिनों जापान के लोग किसी आर्थिक संकट या युद्ध से नहीं, बल्कि एक मंगा आर्टिस्ट की भविष्यवाणी से डरे हुए हैं। मशहूर जापानी मंगा कलाकार रयो तात्सुकी (Ryo Tatsuki) ने दावा किया है कि वह सपनों में भविष्य देख सकती हैं और उनका अगला सपना जापान में 5 जुलाई 2025 को आने वाली भीषण आपदा के बारे में है। यह भविष्यवाणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और उन्हें ‘न्यू बाबा वेंगा’ कहा जा रहा है।
पहले भी सच हो चुकी हैं रयो तात्सुकी की कई भविष्यवाणियां
रयो तात्सुकी को गंभीरता से इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि उनकी कई पुरानी भविष्यवाणियां सच साबित हो चुकी हैं। उन्होंने अपनी किताब “The Future I Saw” में 2011 में आए जापान भूकंप का जिक्र पहले ही कर दिया था। इसके अलावा उन्होंने प्रिंसेस डायना की मौत और 2020 में महामारी (COVID-19) की भी पूर्व घोषणा की थी, जो बाद में सच निकलीं। इसी कारण इस बार भी लोग उनकी बातों पर भरोसा कर रहे हैं।
5 जुलाई 2025 को क्या होगा? अनिश्चितता बनी डर की वजह
तात्सुकी ने इस बार भले ही भविष्यवाणी की हो, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि 5 जुलाई 2025 को किस प्रकार की आपदा आएगी। यही अनिश्चितता लोगों को और अधिक डरा रही है। सोशल मीडिया पर लोग आशंका जता रहे हैं कि यह भूकंप, सुनामी या कोई अन्य प्राकृतिक या मानवीय संकट हो सकता है।
80% तक ट्रैवल बुकिंग रद्द, टूरिज्म पर पड़ा असर
तात्सुकी की इस भविष्यवाणी का असर जापान के टूरिज्म इंडस्ट्री पर साफ दिख रहा है। हॉन्ग कॉन्ग से जापान की फ्लाइट बुकिंग में 83% तक की गिरावट दर्ज की गई है। ग्रेटर बे एयरलाइंस ने बताया कि अप्रैल-मई के हॉलीडे सीजन की बुकिंग पिछले साल की तुलना में आधी रह गई है। दक्षिण पूर्व एशिया के कई पर्यटकों ने जुलाई की अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं।
#July5Disaster बना सोशल मीडिया पर ट्रेंड
तात्सुकी की भविष्यवाणी को लेकर सोशल मीडिया पर खलबली मच गई है। #July5Disaster हैशटैग ट्विटर और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेंड कर रहा है। लोग इस भविष्यवाणी को लेकर डर, उत्सुकता और चिंता जता रहे हैं। अफवाहें तेजी से फैल रही हैं और हर कोई जानना चाहता है कि आखिर 5 जुलाई को क्या होने वाला है।
सरकार और विशेषज्ञों की अपील – “अफवाहों पर न दें ध्यान”
जापान सरकार और आपदा विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और पैनिक न फैलाएं। अधिकारियों ने कहा है कि तात्सुकी की भविष्यवाणी किसी वैज्ञानिक आधार पर नहीं टिकी है। सरकार लोगों से संयम बरतने और तथ्यों पर भरोसा करने की बात कह रही है।