12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुआ एयर इंडिया का विमान हादसा पूरे देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर को हिलाकर रख देने वाला था। लंदन गैटविक के लिए रवाना हुई फ्लाइट AI-171 महज 30 सेकंड की उड़ान के बाद मेघानी नगर स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर आकर गिर गई। इस दर्दनाक हादसे में 241 लोगों की जान चली गई — जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स शामिल थे।
हादसे की जांच जारी, वजह अब तक साफ नहीं
आज आठ दिन बीत जाने के बाद भी इस हादसे की ठोस वजह सामने नहीं आई है। यह सवाल लोगों को बेचैन कर रहा है — क्या यह केवल तकनीकी गड़बड़ी थी या फिर इसके पीछे कोई गहरी और सुनियोजित साजिश छुपी हुई है?
2020 की गैटविक घटना से तुलना क्यों?
इस हादसे की जांच कर रही टीमें 2020 में लंदन गैटविक में हुए एक एयरबस A321 हादसे से भी इसकी तुलना कर रही हैं। उस समय विमान के दोनों इंजन उड़ान के तुरंत बाद फेल हो गए थे, और जांच में पाया गया था कि ईंधन प्रणाली में पानी की मिलावट थी। हैरानी की बात यह थी कि उड़ान से पहले किसी भी तकनीकी खराबी के संकेत नहीं मिले थे। अब जांचकर्ता यह जांच रहे हैं कि कहीं AI-171 के मामले में भी ऐसा ही कुछ तो नहीं हुआ।
जांच में शामिल भारत, यूके और अमेरिका
भारत की AAIB, ब्रिटेन की AAIB और अमेरिका की NTSB—तीनों एजेंसियां मिलकर इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि बिजली की कमी और दोनों इंजनों का फेल होना हादसे की मुख्य वजह हो सकती है। ईंधन टैंक और मलबे की रासायनिक जांच की जा रही है। यदि ईंधन में पानी, जंग या अन्य दूषित तत्व पाए जाते हैं, तो यह एक बड़ा कारण हो सकता है।
ब्लैक बॉक्स से मिल सकती है अहम जानकारी
हादसे के बाद विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स मिल गए हैं, लेकिन आग और विस्फोट से काफी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इन्हें अमेरिका की लैब भेजे जाने की तैयारी है ताकि डाटा रिकवर किया जा सके। ब्लैक बॉक्स से पायलट की अंतिम बातचीत, इंजन की स्थिति और अन्य तकनीकी जानकारियां मिल सकती हैं।
सोशल मीडिया पर साजिश की चर्चाएं
घटना के बाद सोशल मीडिया पर साजिश से जुड़ी अटकलें भी लगाई जा रही हैं। कुछ पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी की मौत को केंद्र बनाकर राजनीतिक साजिश का दावा किया गया है। वहीं एक वायरल पोस्ट में अमेरिका और पाकिस्तान के हाथ होने की बात भी कही गई, लेकिन इन दावों के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, किसी भी अफवाह पर यकीन करना गलत होगा।
पायलट की कोशिशें बेकार गईं
मुख्य पायलट सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर—दोनों बेहद अनुभवी थे और अंतिम क्षणों तक विमान को कंट्रोल में लाने की कोशिश करते रहे। लेकिन कम ऊंचाई के कारण वे कुछ नहीं कर पाए। रैम एयर टरबाइन (RAT) भी सक्रिय थी, लेकिन इतने कम स्तर पर वह मदद नहीं कर सकी।
एयर इंडिया की मेंटेनेंस पर सवाल
AI-171 हादसे से पहले लगातार टोक्यो, पेरिस और दिल्ली की उड़ानें भर चुका था। अब इन उड़ानों के लॉग और इंजीनियरिंग रिपोर्ट्स की जांच की जा रही है। क्या पहले किसी तकनीकी गड़बड़ी की चेतावनी मिली थी? क्या ईंधन में पहले भी गड़बड़ी देखी गई थी? इन सवालों की जांच की जा रही है। DGCA ने एयर इंडिया के सभी 34 बोइंग 787 विमानों की इमरजेंसी जांच के आदेश दिए हैं।
अंतरराष्ट्रीय मामला बना हादसा
इस हादसे में ब्रिटेन, कनाडा और पुर्तगाल के नागरिकों की मौत हुई है, जिससे यह एक वैश्विक मामला बन गया है। एयर इंडिया की छवि और सुरक्षा रिकॉर्ड भी सवालों के घेरे में हैं।
