सीएनएन की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ईरान परमाणु हथियार बनाने से तीन साल दूर है, लेकिन हाल ही में अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने कहा कि ईरान अब केवल कुछ हफ्तों में परमाणु हथियार तैयार कर सकता है। यह बयान तब आया जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनके पहले किए गए अनुमान को गलत ठहराया।
इजराइल से चल रहे संघर्ष के दौरान अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए और दावा किया कि इन हमलों में प्रमुख साइट्स को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इन हमलों के बाद ईरान फिलहाल परमाणु परीक्षण की स्थिति में नहीं है।
इस बीच, अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि हाल ही में हुए अमेरिकी हमलों से पहले ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों से करीब 400 किलोग्राम उच्च स्तर पर संवर्धित यूरेनियम गायब हो गया है। यह यूरेनियम 60 प्रतिशत तक संवर्धित था और विशेषज्ञों के मुताबिक इससे करीब 10 परमाणु बम बनाए जा सकते हैं।
वेंस ने बताया कि यह यूरेनियम ईरान की प्रमुख परमाणु साइट्स पर रखा गया था, लेकिन हमलों से पहले ही इसे दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि फोर्दो परमाणु फैसिलिटी को भारी नुकसान हुआ है, हालांकि इस नुकसान की वास्तविक स्थिति की पुष्टि फिलहाल नहीं हो सकी है।
फोर्दो पर हमला था मुख्य रणनीतिक लक्ष्य
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बताया कि हालिया सैन्य अभियान का प्रमुख उद्देश्य फोर्दो परमाणु केंद्र को निष्क्रिय करना था। उन्होंने दावा किया, “हमने ऑपरेशन के तहत फोर्दो फैसिलिटी को गंभीर क्षति पहुंचाई है और हमें पूरा भरोसा है कि हमारा मिशन काफी हद तक सफल रहा।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईरान में लापता यूरेनियम को लेकर आगामी हफ्तों में कूटनीतिक वार्ता की जाएगी।
इजरायल की सटीक खुफिया चेतावनी
इजरायल की खुफिया एजेंसियों ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को जानकारी दी कि ईरान ने हमलों से कुछ समय पहले ही संवर्धित यूरेनियम और उससे जुड़ा उपकरण एक गुप्त स्थान पर भेज दिया था। सैटेलाइट इमेजरी में फोर्दो केंद्र के बाहर 16 ट्रकों का एक काफिला दिखा, जो कि हमले से पहले निकाला गया था। इन्हीं सबूतों के आधार पर इजरायल ने अमेरिका से तत्काल सैन्य हस्तक्षेप की मांग की थी।
ऑपरेशन मिडनाइट हैमर: अमेरिका की जवाबी कार्रवाई
इसके बाद अमेरिका ने B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स द्वारा ‘बंकर बस्टर’ GBU-37 बमों का इस्तेमाल करते हुए ऑपरेशन मिडनाइट हैमर को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में फोर्दो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया गया। हालांकि, बमबारी के बाद उन ट्रकों का कोई सुराग नहीं मिला, जो यूरेनियम लेकर कहीं और जा चुके थे।
IAEA की चिंता और मांग
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफाएल ग्रोसी ने खुलासा किया कि हमलों से ठीक एक सप्ताह पहले ही एजेंसी ने इन स्थलों का निरीक्षण किया था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की कि हालात की गंभीरता को देखते हुए तत्काल निरीक्षण बहाल किया जाए। “स्थिति अत्यंत संवेदनशील है और इसमें किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए,” उन्होंने कहा।
क्या ईरान बना रहा है परमाणु हथियार?
जहां ईरान बार-बार यह कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है, वहीं इजरायल का कहना है कि ईरान अब हथियार बनाने के बेहद करीब पहुंच चुका है। अमेरिका में इस पर मतभेद बना हुआ है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, पहले कहा गया था कि ईरान परमाणु हथियार बनाने से तीन साल दूर है, लेकिन अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के अनुसार, अब यह समय घटकर कुछ हफ्तों तक सीमित हो गया है। यह बयान पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दिए गए बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने गबार्ड की आकलन क्षमता पर सवाल उठाए थे।
ट्रंप का दावा – पूरी तरह सफल अभियान
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के इस सैन्य अभियान को निर्णायक जीत बताते हुए कहा, “ईरान का परमाणु कार्यक्रम अब पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।”
ईरान की सख्त प्रतिक्रिया
हमलों के बाद ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने की धमकी दी है। उप विदेश मंत्री तख्त रवांची ने कहा, “हमें कोई यह नहीं बता सकता कि हमें अपनी सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए।”
