ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु अयातुल्लाह नसीर मकरम शिराजी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ फतवा जारी किया है। उन्होंने दोनों नेताओं को “इस्लाम का दुश्मन” बताते हुए दुनिया भर के मुसलमानों से उनके खिलाफ एकजुट होने की अपील की।
अयातुल्लाह शिराजी ने फतवे में कहा, “इस्लामी व्यवस्था और विशेष रूप से सुप्रीम लीडर को जान से मारने की धमकी देना धार्मिक रूप से निषिद्ध है। ऐसा करना न केवल पवित्रता का उल्लंघन है, बल्कि सबसे बड़े पापों में से एक है।” उन्होंने आगे कहा कि ऐसे लोगों का बचाव करना और धमकी देने वालों को जवाब देना आवश्यक है।
फतवे में यह भी स्पष्ट किया गया कि इस्लाम और मुसलमानों के दुश्मनों को किसी भी तरह का सहयोग देना हराम (निषिद्ध) है। उन्होंने कहा, “दुनियाभर के मुसलमानों को इन दुश्मनों को उनकी नीतियों और शब्दों के लिए पछतावा कराना चाहिए।”
लाखों लोगों ने दी ईरानी सैन्य कमांडरों को अंतिम विदाई
ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के दौरान मारे गए रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की अंतिम यात्रा में शनिवार को लाखों लोग शामिल हुए। राजधानी तेहरान की सड़कों पर लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा।
जनरल हुसैन सलामी, बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के प्रमुख जनरल आमिर अली हाजीजादेह और अन्य परमाणु वैज्ञानिकों के शवों को ट्रकों पर रखकर आज़ादी स्ट्रीट से निकाला गया। इस दौरान लोगों ने ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ और ‘इजरायल मुर्दाबाद’ के नारे लगाए।
उल्लेखनीय है कि जनरल सलामी और हाजीजादेह 13 जून को युद्ध के पहले ही दिन मारे गए थे, जब इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया था। इस अभियान में सैन्य कमांडरों, वैज्ञानिकों और परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया।
