आस्था फिर से बुलंदियों पर!
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह पहली अमरनाथ यात्रा है, जिसने एक बार फिर आस्था की ताकत को साबित कर दिया है।
आज श्री अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हुआ, जब श्रद्धालुओं का पहला जत्था पवित्र गुफा के दर्शन के लिए पहलगाम बेस कैंप से रवाना हुआ।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विधिवत पूजा-अर्चना, शंखध्वनि और “हर हर महादेव” के जयघोष के साथ कल इस यात्रा को हरी झंडी दिखाई थी।
पहलगाम और बालटाल मार्ग से निकले श्रद्धालु वीरवार को बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे।
संशोधित समाचार शैली में लेख:
आस्था की डगर पर अमरनाथ यात्रा – आतंक की आहटों से अडिग श्रद्धा का कारवां
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली अमरनाथ यात्रा है, जिसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रखी गई है। श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज भारी सुरक्षा के बीच यात्री निवास से रवाना किया गया। कुल 5,469 यात्री पहले जत्थे में शामिल रहे, वहीं परेड ग्राउंड से 423 साधु-संतों को विशेष सम्मान के साथ रवाना किया गया।
शाम होते-होते सभी जत्थे बालटाल और पहलगाम पहुंच गए, जहां से वे पवित्र गुफा के दर्शन के लिए प्रस्थान कर चुके हैं।
इस वर्ष दोनों पारंपरिक रूट्स – पहलगाम और बालटाल से प्रतिदिन 10-10 हजार यात्रियों को बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए भेजा जाएगा। यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं के उत्साह का आलम यह है कि कठुआ, सांबा, उधमपुर और पंथा चौक (श्रीनगर) जैसे पड़ावों पर भी भारी भीड़ उमड़ी रही।
उपराज्यपाल का संदेश:
“आस्था और आत्मखोज की यह यात्रा किसी भी आतंकी घटना से प्रभावित नहीं है”
– उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
उन्होंने कहा कि इस पवित्र यात्रा का उत्साह और ऊर्जा बता रही है कि श्रद्धालुओं का विश्वास अडिग है। प्रशासन, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, पुलिस और सुरक्षा बलों ने मिलकर तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक व्यवस्था की है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह यात्रा न केवल सफल बल्कि अब तक की सबसे ऐतिहासिक यात्रा साबित होगी।