राष्ट्रपति मुर्मु द्वारा धनखड़ का इस्तीफ़ा स्वीकार करने के कुछ ही मिनट बाद प्रधानमंत्री का संदेश आया। धनखड़ ने कल शाम को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफ़ा सौंपा था
मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफ़ा स्वीकार किए जाने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, “जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं
राष्ट्रपति मुर्मु द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफ़ा स्वीकार किए जाने के कुछ ही मिनट बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश सामने आया। धनखड़ ने सोमवार शाम को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफ़ा सौंपा था। अपने पत्र में उन्होंने लिखा, “चिकित्सकीय सलाह का पालन करते हुए और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत इस्तीफ़ा दे रहा हूं
74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद संभाला था और उनके कार्यकाल के अभी दो साल से भी ज़्यादा का समय बाकी था। उनका इस्तीफ़ा संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन आया, जिससे सियासी हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं
हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में एंजियोप्लास्टी करवाई थी और इस साल की शुरुआत में उन्हें अस्पताल में भर्ती भी रहना पड़ा था। हालांकि वे कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल हुए, लेकिन कई बार उन्हें असुविधा में भी देखा गया। राष्ट्रपति को भेजे अपने पत्र में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से तत्काल इस्तीफा देने की आवश्यकता का ज़िक्र किया।
अपने पत्र में धनखड़ ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रिपरिषद और सभी सांसदों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा,
“मैं भारत की महामहिम राष्ट्रपति का दिल से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने पूरे कार्यकाल में मुझे निरंतर सहयोग और एक मधुर कार्य संबंध प्रदान किया।”
धनखड़ ने आगे लिखा,
“प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा, और अपने कार्यकाल के दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा।”
स्वतंत्र भारत के इतिहास में वे कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफ़ा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति बने हैं। इससे पहले वी.वी. गिरि और आर. वेंकटरमण ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफ़ा दिया था। अब संविधान के अनुसार छह महीने के भीतर नए उपराष्ट्रपति का चुनाव किया जाएगा। तब तक राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे।
अपने कार्यकाल के दौरान, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का राज्यसभा में विपक्ष के साथ कई बार टकराव हुआ और उन्होंने न्यायिक जवाबदेही जैसे मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाया। उनके कार्यकाल में एक अभूतपूर्व महाभियोग प्रस्ताव भी लाया गया, जिसे अंततः खारिज कर दिया गया।
राजस्थान के झुंझुनूं में जन्मे धनखड़ इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, लोकसभा सांसद और संसदीय कार्य राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। इस महीने की शुरुआत में ही उन्होंने कहा था, “मैं सही समय पर, अगस्त 2027 में, ईश्वर की इच्छा रही तो, सेवानिवृत्त हो जाऊंगा