Thursday, September 11, 2025
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भारत के 10 सबसे ‘भ्रष्ट’ विभागों की सूची आई सामने, 8वें नंबर पर है ऐसा विभाग जिसे देख आप भी चौंक जाएंगे

भारत के 10 सबसे भ्रष्ट माने जाने वाले विभागों की नई सूची सामने आई है, जो जनता की शिकायतों, मीडिया रिपोर्टों, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल और लोकपाल/लोकायुक्त जैसी संस्थाओं की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है। इस लिस्ट को NCIB ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी साझा किया है। आइए जानते हैं कौन से विभाग इस सूची में शामिल हैं और उन पर क्या आरोप हैं—

1️⃣ पुलिस विभाग – रिश्वतखोरी, झूठे केस बनाना, FIR दर्ज न करना, सड़क पर अवैध वसूली, जमीन विवादों में पक्षपात जैसे गंभीर आरोपों के चलते पुलिस विभाग पहले नंबर पर है।

2️⃣ राजस्व विभाग – जमीन की फर्जी रजिस्ट्री, दाखिल-खारिज में गड़बड़ी, नामांतरण या खतौनी निकालने के लिए रिश्वत लेने के आरोप हैं।

3️⃣ नगर निगम / नगर पालिका – भवन नक्शा पास कराना, सफाई व्यवस्था में लापरवाही, अवैध निर्माण को नजरअंदाज करना या बढ़ावा देने के लिए घूस लेना शामिल है।

4️⃣ ग्राम पंचायत / ब्लॉक स्तर – पीएम आवास योजना, शौचालय योजना, वृद्धावस्था/विधवा पेंशन, राशन कार्ड और अन्य कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।

5️⃣ बिजली विभाग – फर्जी बिलिंग, मीटर रीडिंग में गड़बड़ी, नए कनेक्शन में देरी या खराबी सुधारने के लिए रिश्वत लेना जैसी शिकायतें हैं।

6️⃣ सड़क परिवहन विभाग (RTO) – बिना टेस्ट के लाइसेंस बनवाना, वाहन पंजीकरण में रिश्वत, अनफिट वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट देना जैसी अनियमितताओं के कारण छठे स्थान पर है।

7️⃣ सरकारी अस्पताल / स्वास्थ्य विभाग – दवा आपूर्ति में घोटाले, डॉक्टरों की गैरमौजूदगी, मरीजों को निजी अस्पताल रेफर करना, महंगी दवाओं के जरिए कमीशनखोरी के आरोप हैं।

8️⃣ शिक्षा विभाग – शिक्षक भर्ती में घोटाले, फर्जी उपस्थिति दिखाना, निजी स्कूलों से मिलीभगत जैसे मामलों के चलते आठवां स्थान मिला है।

9️⃣ आवास एवं शहरी विकास विभाग – ठेके और टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार, निर्माण कार्यों में अनियमितता के आरोप इस विभाग पर लगे हैं।

🔟 कर विभाग (Income Tax, GST) – छापों से बचाव के लिए डील करना, फर्जी रिटर्न पास कराना, व्यापारियों से अवैध वसूली जैसी गड़बड़ियां सामने आई हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भ्रष्टाचार का स्तर अलग-अलग राज्यों और जिलों में बदलता रहता है। इसके अलावा कई बार बिचौलियों और स्थानीय नेताओं की भूमिका से भी घूस की रकम कई गुना बढ़ जाती है, जिसमें एक हिस्सा अधिकारियों के पास और बाकी दलालों के पास चला जाता है

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