हर साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन से पांच दिन तक चलने वाले दीपोत्सव (दीवाली) की शुरुआत होती है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि, कुबेर महाराज और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और धन-वैभव की वृद्धि होती है।
धनतेरस पर लोग स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए सोना, चांदी, नए बर्तन और धन-संपत्ति से संबंधित वस्तुएँ खरीदते हैं। खासकर धनवंतरि की पूजा स्वास्थ्य लाभ के लिए की जाती है, जबकि कुबेर और लक्ष्मी माता की पूजा धन-संपत्ति और समृद्धि के लिए की जाती है।
इस अवसर पर बाजारों में भी काफी रौनक रहती है। लोग दीपक जलाकर अपने घरों को सजाते हैं और मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारियाँ करते हैं। दीपावली के इस शुभ अवसर पर परिवार और मित्रों के साथ मिलकर उत्सव मनाना भी परंपरा का हिस्सा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस दिन की गई पूजा और शुभ खरीदारी केवल धार्मिक महत्व नहीं रखती, बल्कि यह मानसिक संतोष और सकारात्मक ऊर्जा का भी स्रोत होती है।
इस प्रकार, धनतेरस न केवल धन और समृद्धि की वृद्धि का प्रतीक है, बल्कि यह स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना का भी पर्व है।