Tuesday, October 21, 2025
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Diwali 2025 Kab Hai: आज धनतेरस से शुरू होगा दीपावली उत्सव, जानें लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन और भाई दूज की तारीखें।

दीपावली या दिवाली, जिसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है, हिंदुओं का प्रमुख पर्व है। यह पूरे भारत में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व खुशहाली, समृद्धि और शांति का प्रतीक है। इस दिन लोग घरों को दीपों और मोमबत्तियों से सजाते हैं, नए वस्त्र धारण करते हैं और एक-दूसरे को उपहार भेंट करते हैं।

दीपावली या दिवाली, जिसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है, हिंदुओं का प्रमुख पर्व है जो पूरे भारत में उल्लास और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार आनंद, समृद्धि और शांति का प्रतीक है। इस दिन लोग घरों को दीपों और मोमबत्तियों से सजाते हैं, नए वस्त्र पहनते हैं, एक-दूसरे को उपहार देते हैं और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हैं।

दिवाली का उत्सव धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्त होता है। महालक्ष्मी पूजा, जो दीपावली का मुख्य दिन है, हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। आमतौर पर यह पर्व पांच दिनों तक चलता है, लेकिन इस वर्ष तिथियों में वृद्धि के कारण दीपावली का महापर्व छह दिनों तक मनाया जाएगा।

दिवाली 2025 का पूरा कैलेंडर

धनतेरस:दीपावली का आरंभ धनतेरस से होता है, जब माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। इस दिन लोग शुभता के प्रतीक के रूप में नए बर्तन, सोना और आभूषण खरीदते हैं। इस वर्ष धनतेरस का पर्व शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

त्रयोदशी तिथि शुरू: 18 अक्टूबर, दोपहर 12:18 बजे

त्रयोदशी तिथि खत्म: 19 अक्टूबर, दोपहर 1:51 बजे

धनतेरस पूजा मुहूर्त: शाम 7:16 से 8:20 बजे (1 घंटा 4 मिनट)

प्रदोष काल: 5:48 PM – 8:20 PM

वृषभ काल: 7:16 PM – 9:11 PM

नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली):यह दिन भगवान कृष्ण की नरकासुर पर विजय का प्रतीक माना जाता है। लोग इस अवसर पर स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं और बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाते हैं। वर्ष 2025 में छोटी दिवाली सोमवार, 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

अभ्यंग स्नान मुहूर्त: 5:13 AM – 6:25 AM (अवधि 1 घंटा 12 मिनट)

चंद्रोदय समय: 5:13 AM

दीपावली (मुख्य दिन):मुख्य दिवाली का दिन भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों और रंगोली से सजाते हैं तथा शाम के समय माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।

अमावस्या तिथि शुरू: 20 अक्टूबर, दोपहर 3:44 बजे

अमावस्या तिथि खत्म: 21 अक्टूबर, शाम 5:54 बजे

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 7:08 – 8:18 बजे (1 घंटा 11 मिनट)

प्रदोष काल: 5:46 PM – 8:18 PM

वृषभ काल: 7:08 PM – 9:03 PM

गोवर्धन पूजा:दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर गांववासियों की रक्षा की थी। लोग अन्नकूट बनाकर गोवर्धन की पूजा करते हैं। इस साल गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को है।

प्रतिपदा तिथि शुरू: 21 अक्टूबर, शाम 5:54 बजे

प्रतिपदा तिथि खत्म: 22 अक्टूबर, शाम 8:16 बजे

22 अक्टूबर के शुभ मुहूर्त पूजा के लिए

प्रातःकाल मुहूर्त: 6:26 AM – 8:42 AM (2 घंटे 16 मिनट)

सायाह्नकाल मुहूर्त: 3:29 PM – 5:44 PM (2 घंटे 16 मिनट)

भाई दूज:दिवाली का अंतिम दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है, जो भाई-बहन के स्नेह और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई उन्हें स्नेह स्वरूप उपहार देते हैं। वर्ष 2025 में भाई दूज का पर्व गुरुवार, 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

द्वितीया तिथि शुरू: 22 अक्टूबर, रात 8:16 बजे

द्वितीया तिथि खत्म: 23 अक्टूबर, रात 10:46 बजे

भाई दूज तिलक समय (अपराह्न): 1:13 PM – 3:28 PM (2 घंटे 15 मिनट)

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