महाकुंभ में ममता कुलकर्णी का अहम योगदान
ममता कुलकर्णी, जो अब ‘ममता नंद गिरी’ के नाम से जानी जाती हैं, ने महाकुंभ में अपनी उपस्थिति से एक नई शुरुआत की। फिल्म इंडस्ट्री से गायब होने के बाद, ममता ने अपने जीवन को पूरी तरह से धार्मिक साधना और समाज सेवा में समर्पित कर दिया था। उन्होंने किन्नर अखाड़े से जुड़कर अपनी पहचान बनाई और अब महाकुंभ में महा मंडलेश्वर के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। महाकुंभ में उनकी उपस्थिति ने न केवल किन्नर समाज को मुख्यधारा में लाने का काम किया है, बल्कि उनकी आस्था और तपस्या ने उन्हें एक धार्मिक गुरु के रूप में स्थापित भी किया है।
अंडरवर्ल्ड कनेक्शन: क्या था सच?
ममता कुलकर्णी का नाम कुछ विवादों से भी जुड़ा रहा है, जिसमें एक प्रमुख आरोप अंडरवर्ल्ड कनेक्शन का था। ममता पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम और उसके सहयोगियों के साथ संबंध होने का आरोप था। यह मामला तब सामने आया था जब 2016 में ममता के खिलाफ एक ड्रग तस्करी रैकेट का खुलासा हुआ था, जिसमें उन्हें और उनके पति विजय गिल को आरोपी बनाया गया था। पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक, ममता और विजय गिल का नाम मादक पदार्थों की तस्करी में था, और उनके संबंध दाऊद इब्राहीम के गैंग से जोड़े गए थे।
हालांकि, ममता ने हमेशा इन आरोपों को नकारा किया और दावा किया कि वह किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं हैं। उन्होंने अपने जीवन को सुधारने के लिए किन्नर अखाड़े और धार्मिक साधना की दिशा में कदम बढ़ाया। इसके बावजूद, उनके अंडरवर्ल्ड कनेक्शन के आरोपों ने उनके जीवन में विवादों को बढ़ा दिया और मीडिया में उनकी छवि पर सवाल उठाए।
महाकुंभ और समाज के लिए उनका योगदान
ममता कुलकर्णी के महाकुंभ में भाग लेने के बाद उनके जीवन में एक नया मोड़ आया है। उन्होंने किन्नर समाज के अधिकारों के लिए आवाज उठाई और उनके लिए एक मंच प्रदान किया। इसके साथ ही, ममता ने महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया। वह अब एक धार्मिक गुरु के रूप में समाज सुधार की दिशा में काम कर रही हैं और उनका मानना है कि जीवन में बदलाव संभव है, चाहे इंसान का अतीत कितना भी विवादास्पद क्यों न हो।
ममता कुलकर्णी का महाकुंभ में महा मंडलेश्वर बनने का सफर एक नई शुरुआत है, लेकिन उनके अतीत के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन के आरोपों ने उनके जीवन के इस नए अध्याय को और भी जटिल बना दिया है। उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन अब वह धर्म और समाज सेवा के मार्ग पर चल रही हैं। महाकुंभ में उनकी उपस्थिति और समाज सेवा के लिए उनके प्रयासों को लेकर कुछ लोग उनकी सराहना कर रहे हैं, जबकि अन्य उनके अतीत से जुड़े विवादों को लेकर सवाल उठा रहे हैं। क्या ममता कुलकर्णी का यह नया अध्याय समाज में एक सशक्त बदलाव लाएगा, यह समय ही बताएगा।
