मावली तहसील से 5 किलोमीटर दूर दबकुड़ी गांव पहुंचे, जहां कुछ लोगों से प्रधानमंत्री आवास योजना (कॉलोनी) के बारे में बातचीत की। गांव वालों ने बताया कि लगभग सभी को कॉलोनी मिल चुकी है, सिर्फ दो-चार घरों को अभी भी योजना का लाभ नहीं मिला है।
कच्चे मकान में रहने की मजबूरी
वहीं, गांव के एक निवासी केशव लाल गायरी ने बताया कि उनकी कॉलोनी अब तक पास नहीं हुई है। जब उनके घर पहुंचे तो देखा कि उनका मकान अभी भी कच्चा है। वे खेती और मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे, लेकिन उनकी स्थिति अब और कठिन हो गई है।
दुर्घटना के बाद बढ़ी परेशानी
कुछ समय पहले हुए एक सड़क हादसे में उनका एक पैर खराब हो गया, जिससे अब वे खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। उनकी कमाई का जरिया बंद हो गया, जिससे घर चलाना बेहद मुश्किल हो गया है।
बेरोजगारी और आर्थिक तंगी
केशव लाल बेरोजगार हैं और उनके पास कोई स्थायी काम नहीं है। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। परिवार के पास सिर्फ तीन बीघा जमीन और दो भैंस हैं। उनकी पत्नी छोटे-मोटे घरेलू काम करके किसी तरह परिवार चला रही हैं। कॉलोनी अभी तक पास नहीं हुई, जिससे वे पक्के मकान का सपना पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
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