महाकुंभ 2025: भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन
महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं। वर्तमान में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का आज अंतिम दिन है। यह पवित्र मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस भव्य आयोजन को चार प्रमुख स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित किया जाता है।
अगला कुंभ मेला कब और कहां होगा?
प्रयागराज के बाद अगला कुंभ मेला 2027 में हरिद्वार में आयोजित होगा।
इसके अलावा,
🔹 हर 3 साल में कुंभ मेला – उज्जैन, प्रयागराज, हरिद्वार और नासिक में होता है।
🔹 हर 6 साल में अर्ध कुंभ मेला – केवल हरिद्वार और प्रयागराज में आयोजित होता है।
🔹 हर 12 साल में पूर्ण कुंभ मेला – प्रयागराज में होता है।
🔹 12 पूर्ण कुंभ मेलों के बाद महाकुंभ मेला आयोजित किया जाता है।
प्रयागराज में इससे पहले महाकुंभ 2013 में हुआ था।
हरिद्वार में लगेगा अगला कुंभ, तैयारियों की हुई शुरुआत
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के समापन के बाद, अब अगला कुंभ मेला 2027 में हरिद्वार के गंगा तट पर आयोजित होगा। इसे ‘अर्धकुंभ 2027’ के नाम से जाना जाएगा। इस भव्य आयोजन की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। उत्तराखंड सरकार ने इसकी योजना पर काम करना शुरू कर दिया है, और इस संबंध में हरिद्वार के सरकारी अधिकारियों ने बैठक आयोजित की। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि 2027 में हरिद्वार में अर्धकुंभ का आयोजन भव्य और सुव्यवस्थित तरीके से किया जाएगा। उन्होंने इसके सफल आयोजन के लिए संतों और धार्मिक संगठनों से सलाह लेने पर जोर दिया ताकि श्रद्धालुओं को एक बेहतर आध्यात्मिक अनुभव मिल सके।
कैसे तय होता है कि कुंभ मेला कहां लगेगा?
कुंभ मेले का आयोजन ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर तय किया जाता है। ग्रहों की विशेष स्थितियों के अनुसार यह मेला चार प्रमुख स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित किया जाता है।
🔹 प्रयागराज में कुंभ मेला तब लगता है जब बृहस्पति वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं।
🔹 हरिद्वार में कुंभ मेला तब आयोजित किया जाता है जब बृहस्पति कुंभ राशि में और सूर्य मेष राशि में होते हैं।
🔹 नासिक में कुंभ मेला तब होता है जब सूर्य और बृहस्पति सिंह राशि में स्थित होते हैं।
🔹 उज्जैन में कुंभ मेला तब आयोजित किया जाता है जब बृहस्पति सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि में होते हैं।
इन्हीं ग्रहों की विशेष स्थितियों के आधार पर यह तय किया जाता है कि अगला कुंभ मेला किस स्थान पर लगेगा।