Thursday, September 11, 2025
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26/11 के घाव फिर हरे, मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा आज भारत में — पीड़ितों का दर्द छलका: ‘उसे भी बख्शा न जाए

26/11mm मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा आज भारत पहुंच सकता है। हमले में घायल हुईं देविका नटवरलाल रोटावन ने इसे आतंक के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी जीत बताया है। उन्होंने भारत और अमेरिका सरकार का आभार जताते हुए राणा के लिए फांसी की सजा की मांग की है।

मुंबई हमलों के पीड़ितों ने तहव्वुर राणा के लिए फांसी की सजा की मांग की
हमलों के हीरो का बयान — “राणा को जेल में जिंदा नहीं छोड़ना चाहिए

मुंबई।
26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा आज भारत लाया जा सकता है। इस मौके पर हमले की पीड़िता देविका नटवरलाल रोटावन ने इसे भारत के लिए आतंकवाद के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी जीत बताया। उन्होंने भारत और अमेरिका की सरकारों का आभार जताया और राणा को फांसी की सजा देने की मांग की

पीड़ितों ने उठाई फांसी की मांग
देविका रोटावन, जो 26/11 हमले की गवाह रही हैं, ने 64 वर्षीय पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर खुशी जाहिर की। उन्होंने भारत और अमेरिका की सरकारों का धन्यवाद करते हुए स्पष्ट कहा कि राणा को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए

राणा को जेल में जिंदा न छोड़ें
देविका, जिन्होंने सीएसएमटी स्टेशन पर हुए हमले में आतंकी अजमल कसाब की पहचान की थी, ने सख्त सजा की मांग दोहराई। वहीं, हमलों में शहीद हुए स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स के कांस्टेबल राहुल शिंदे के पिता सुभाष शिंदे ने भी कहा, “उसे जेल में जिंदा नहीं छोड़ा जाना चाहिए, राणा को फांसी दी जानी चाहिए

आज भारत आएगा मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा
आज भारत आएगा मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा

तहव्वुर राणा को जेल में बिरयानी खिलाने की जरूरत नहीं: मुंबई के ‘चाय वाले’ का दो टूक बयान

26/11 मुंबई आतंकी हमलों के दौरान अपनी सतर्कता से कई लोगों की जान बचाने वाले मुंबई के ‘चाय वाले’ मोहम्मद तौफीक ने साफ कहा है कि भारत को तहव्वुर राणा जैसे आतंकी के लिए कोई भी विशेष सुविधा नहीं देनी चाहिए। तौफीक ने कहा, “राणा को वो सहूलियतें देने का कोई मतलब नहीं, जो कभी अजमल कसाब को दी गई थीं — न बिरयानी, न आरामदायक सेल, और न कोई विशेष व्यवहार।”

26/11 हमलों में राणा की गहरी संलिप्तता
मुंबई क्राइम ब्रांच के 405 पन्नों के पांचवें पूरक आरोपपत्र में राणा की भूमिका को स्पष्ट किया गया है। दस्तावेजों के अनुसार, राणा ने 11 से 21 नवंबर 2008 तक भारत में रहते हुए हमले की साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सबूतों से यह भी पता चलता है कि राणा 20 और 21 नवंबर को मुंबई में था और पवई के एक होटल में ठहरा हुआ था। हमलों से कुछ ही दिन पहले वह दुबई के रास्ते बीजिंग भाग गया था, ताकि कार्रवाई से बच सके।

डेविड हेडली से था गहरा कनेक्शन
पूरी जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने करीब 14-15 अहम गवाहों से बयान लिए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राणा और हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली के बीच करीबी संबंधों के ठोस सबूत मिले हैं। हेडली ने हमले की योजना में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

आईएसआई और लश्कर से था संपर्क
राणा पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ समन्वय करने और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को हमले के लिए हर संभव मदद पहुंचाने का गंभीर आरोप है।

मुंबई में भीड़भाड़ वाले इलाकों की टोह ली थी राणा ने
जांच में सामने आया कि राणा ने अपने होटल के कर्मचारियों से मुंबई के व्यस्त इलाकों के बारे में जानकारी ली थी। जिन स्थानों के बारे में उसने चर्चा की थी, उनमें से कई हमले के दौरान आतंकियों का निशाना बने, जैसे कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT)।

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