बेल्जियम में फंसा मेहुल चौकसी: पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का भगोड़ा मेहुल चौकसी बेल्जियम में गिरफ्तार! अब उम्मीद है कि extradition treaty के चलते उसे जल्द ही भारत लाया जा सकता है। आइए जानते हैं पूरी कहानी
1. मेहुल चौकसी की गिरफ्तारी: मोदी सरकार का बड़ा मास्टरस्ट्रोक! 2. अब सवाल: विजय माल्या, नीरव मोदी और ललित मोदी की बारी कब? 3. एक्सप्लेनर: क्या होता है प्रत्यर्पण? जानिए इसकी पूरी प्रक्रिया और अगले कदम। |
अब कोई नहीं बच पाएगा
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के बाद, अब पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी भी बेल्जियम में दबोच लिए गए हैं। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार ने चौकसी की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबाव बनाया था। अब उसे जल्द भारत लाया जा सकता है, क्योंकि भारत और बेल्जियम के बीच प्रत्यर्पण संधि है।
आइए समझते हैं — क्या है प्रत्यर्पण कानून? भारत के कितने देशों के साथ है संधि? और कैसे चौकसी फंसा मोदी सरकार के जाल में!
मोदी सरकार की तैयारी, चौकसी की गिरफ्तारी
साल 2020 में पीएम मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि को मंजूरी दी थी। यह नया समझौता ब्रिटेन-बेल्जियम के 1901 के पुराने करार की जगह लागू हुआ, जो भारत पर भी स्वतंत्रता से पहले लागू था
गौर करने वाली बात ये है कि मेहुल चौकसी ने एंटीगुआ और बारबूडा की नागरिकता ले ली थी, पर भारत का इस देश से कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं है जैसे ही चौकसी बेल्जियम आया, भारतीय एजेंसियां एक्टिव हो गईं — और आखिरकार चौकसी फंस ही गया
क्या है प्रत्यर्पण
प्रत्यर्पण एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसके ज़रिए किसी देश में छिपे अपराधी को दूसरे देश में सौंपा जाता है। यह इंटरनेशनल कानून और संधियों के तहत होता है। प्रक्रिया में मानवाधिकार, अपराध की गंभीरता और दोनों देशों के कानूनों का भी ध्यान रखा जाता है