तेजस Mk-1A फाइटर जेट्स की डिलीवरी में हो रही देरी को लेकर उनकी यह टिप्पणी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। तीन महीने पहले भी उन्होंने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से नाराज़गी जताई थी.
तेजस की डिलीवरी में देरी पर एयरफोर्स चीफ की नाराज़गी: बोले- वादे ऐसे क्यों करते हैं जो निभाए ही नहीं जा सकते?
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी (A.P. Singh के स्थान पर यदि आपने एयर चीफ बदले हैं तो यह नाम इस्तेमाल करें) ने एक बार फिर रक्षा खरीद प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर कड़ी चिंता जाहिर की है। CII वार्षिक व्यापार सम्मेलन 2025 के दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “समय पर डिलीवरी न होना एक गंभीर चुनौती है, जो देश की सैन्य तैयारियों पर सीधा असर डालती है।

उन्होंने कहा कि समय-सीमा तय करने के बावजूद शायद ही कोई प्रोजेक्ट समय पर पूरा होता है। कई बार अनुबंध साइन करते समय ही ये स्पष्ट होता है कि डिलीवरी तय समय में संभव नहीं है, फिर भी हम वादे कर देते हैं। यह चिंता ऐसे समय पर सामने आई है जब हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा तेजस Mk-1A की डिलीवरी में देरी लगातार बनी हुई है।
डिलिवरी में देरी से लड़ाकू क्षमता पर अस
दिसंबर 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, वायुसेना के पास फिलहाल सिर्फ 31 स्क्वाड्रन हैं, जबकि जरूरत 42 की है। यह अंतर पुराने मिग-21, मिग-23 और मिग-27 विमानों को हटाने के बाद नए विमानों की आपूर्ति में देरी के कारण बढ़ा है। HAL को 83 तेजस Mk-1A विमानों का ऑर्डर ₹36,468 करोड़ में मिला था, जिनकी डिलीवरी फरवरी 2024 से शुरू होनी थी — लेकिन अब तक समय-सीमा का पालन नहीं हो पाया।

तेजस और भविष्य की योजनाएं
मार्च 2024 में तेजस Mk-1A का पहला सफल उड़ान परीक्षण जरूर हुआ, लेकिन सीरियल प्रोडक्शन अब भी धीमा है। डिजाइन में जटिलता, इंजन की सीमित उपलब्धता और उत्पादन में बाधाएं इसके पीछे की बड़ी वजहें बताई जा रही हैं। वायुसेना ने इसके अलावा 97 और तेजस Mk-1A की खरीद का प्रस्ताव रखा है, जिसकी अनुमानित लागत ₹65,848 करोड़ है।
अगली पीढ़ी के प्रोजेक्ट्स भी धीमी गति से
Mirage-2000, Jaguar और MiG-29 जैसे पुराने विमानों को बदलने के लिए LCA Mk-2 और AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है, लेकिन इनकी डिलीवरी अगले दशक से पहले संभव नहीं मानी जा रही।
वहीं, MRFA (Multi Role Fighter Aircraft) प्रोग्राम के तहत 114 अत्याधुनिक 4.5 जेनरेशन लड़ाकू विमानों की खरीद प्रक्रिया भी कई वर्षों से रुकी हुई है। अप्रैल 2019 में इसके लिए सूचना आमंत्रित की गई थी, लेकिन अब तक ‘स्वीकृति की आवश्यकता’ (AoN) तक नहीं मिल पाई है।