Friday, September 12, 2025
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सिर्फ प्रेम नहीं… राजा की हत्या के पीछे छिपा है सोनम का बड़ा प्लान?

विस्तार


आखिर सोनम रघुवंशी ने अपने ही पति की हत्या क्यों की? यह सवाल सबसे अहम है। शुरुआती जवाब था—प्रेमी राज कुशवाहा के लिए। लेकिन अब इस थ्योरी पर भी सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि खुद सोनम के भाई गोविंद ने कहा है कि वह राज को राखी बांधती थी और उसके फोन में भी राज का नंबर “दीदी” के नाम से सेव था।

अगर सोनम और राज के बीच भाई-बहन जैसा रिश्ता था, तो फिर आखिर क्या वजह रही कि उसने इतना बड़ा कदम उठाया? क्या हत्या के पीछे कोई और गहरा कारण छिपा है?

सोनम के व्यक्तित्व और मानसिक स्थिति को समझने के लिए हमने उनसे जुड़े लोगों से बात की। साथ ही, विशेषज्ञों—जैसे मनोवैज्ञानिकों और मनोरोग चिकित्सकों—से भी चर्चा की ताकि यह समझा जा सके कि आखिर उस वक्त सोनम के दिमाग में क्या चल रहा था, जिसने उसे इतनी निर्ममता के साथ अपने पति की जान लेने पर मजबूर कर दिया।

दो साल पहले बनवाया था टैटू

सोनम भले ही ज़्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी, लेकिन उसने अपने भाई गोविंद के कारोबार में तीन सालों तक लगातार मदद की और बिज़नेस को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। इंदौर का पूरा कामकाज सोनम संभालती थी, जबकि गोविंद गुजरात के मार्केट की देखरेख करता था।

सोनम की सोच शुरू से ही आज़ाद ख्यालों वाली थी — वह अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से जीना चाहती थी। मंगल सिटी मॉल में अपनी फर्म के पास ही उसने करीब डेढ़ साल पहले “बहती लहरों” वाला टैटू बनवाया था। यह टैटू उसकी सोच और मानसिकता को दर्शाता है — कि वह किसी बंधन या रोक-टोक के बिना, अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीना चाहती थी।

शादी का दबाव बढ़ा तो पांच महीने पहले बना लिया राज को प्रेमी

सोनम की उम्र 26 साल हो चुकी थी और परिवार उस पर शादी का दबाव बना रहा था। इस दबाव से बचने और अपनी शर्तों पर जीवन जीने के इरादे से सोनम ने करीब पांच महीने पहले अपने से पांच साल छोटे राज कुशवाहा को अपना प्रेमी बना लिया। राज उसी की फर्म में काम करता था और परिवार के बेहद करीब था — वह न सिर्फ सोनम के पिता और मां को इधर-उधर छोड़ने लाता था, बल्कि परिवार के कामों में भी पूरी निष्ठा से जुटा रहता था।

सोनम को ऐसा ही जीवनसाथी चाहिए था — जो उसका कहा माने, विरोध न करे, और उस पर हावी न हो। उसे राज में वह सब कुछ दिखा जो वह चाहती थी। यहां तक कि सोनम के कहने पर राज ने हत्या जैसे संगीन अपराध को भी अंजाम दिया, जिससे उसकी मानसिकता और राज पर उसके प्रभाव का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

सोनम चाहती थी कि शादी भी किसी ऐसे इंसान से हो जो उसके पारिवारिक व्यवसाय को संभालने में मदद करे और साथ ही उसे नियंत्रण में रखने की कोशिश न करे — जो किसी बाहरी रिश्ते में संभव नहीं था।

जब राजा रघुवंशी से रिश्ता तय किया गया, तो सोनम ने अपनी मां से साफ कहा था — “तुम अपनी मर्ज़ी कर लो, अब देखना मैं क्या करती हूं।”

सोनम में दिखे एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षण

पति की हत्या के बाद भी सोनम के चेहरे पर पछतावे की कोई झलक नहीं दिखी। वह केवल अपने भाई के सामने थोड़ी देर के लिए भावुक हुई, लेकिन गाजीपुर के सेंटर में आराम से सात घंटे की नींद पूरी की। उसके इस असामान्य व्यवहार को देखते हुए जब हमने मनोरोग विशेषज्ञों से बातचीत की, तो उन्होंने इसे एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर का मामला बताया।

इस मानसिक स्थिति से ग्रस्त लोग अपराध या गलत काम करने के बाद भी आत्मग्लानि महसूस नहीं करते। वे दूसरों की भावनाओं, अधिकारों और तकलीफों को नज़रअंदाज करते हैं। ऐसे व्यक्ति अक्सर दूसरों को धोखा देने, उन पर नियंत्रण रखने और उनके साथ मनमानी करने की प्रवृत्ति रखते हैं — और सोनम का राजा के साथ व्यवहार भी कुछ ऐसा ही था।

जब मन की न हो, तो हर हद पार कर जाते हैं ऐसे लोग


इस डिसऑर्डर से ग्रस्त लोग अगर उनकी इच्छा के खिलाफ कुछ हो जाए, तो वे किसी भी हद तक जा सकते हैं — यहां तक कि हत्या तक। सोनम भी शादी नहीं करना चाहती थी, इसलिए उसने पति को रास्ते से हटाने का मन बना लिया। उसने अपने भीतर के इरादों को कभी जाहिर नहीं होने दिया, लेकिन जैसे ही उसे मौका मिला, उसने अपनी जिद पूरी करने के लिए खौफनाक कदम उठा लिया।

“सोनम की मानसिकता किसी आम इंसान की तरह नहीं थी, वह पूरी तरह नियंत्रण में थी, लेकिन भीतर से वह अपनी मर्जी के खिलाफ गए फैसले का बदला लेने के लिए पूरी तरह तैयार थी।”
डॉ. भास्कर प्रसाद, मनोरोग विशेषज्ञ

क्लस्टर बी श्रेणी में आता है सोनम जैसा व्यवहार


विशेषज्ञों के अनुसार सोनम का व्यवहार क्लस्टर बी पर्सनालिटी डिसऑर्डर की श्रेणी में आता है। इस श्रेणी के लोग अक्सर बहुत प्रभावशाली और निर्णयात्मक होते हैं — अच्छे या बुरे दोनों निर्णयों का परिणाम पाने के लिए पूरी कोशिश करते हैं।

जब सोनम को अपने पारिवारिक बिज़नेस को संभालने का मौका मिला, तब उसने बेहतरीन काम किया। लेकिन जब परिवार ने उसकी मर्जी के खिलाफ शादी का निर्णय लिया, तो उसने उसी दृढ़ता से अपने पति को खत्म करने का फैसला किया — और पीछे नहीं हटी।

इसके विपरीत क्लस्टर A श्रेणी के लोग अपने असफलताओं के लिए खुद को दोषी मानते हैं और कभी-कभी आत्मघात जैसी चरम सोच तक चले जाते हैं — जो सोनम के मामले में बिल्कुल नहीं दिखा।

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