Thursday, September 11, 2025
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हिमाचल में बादल फटने की तबाही:एक ही रात में हिमाचल प्रदेश के 17 इलाकों में फटे बादल। 18 लोगों की मौत

मंडी बाढ़ त्रासदी: बादल फटने से मचा कहर, 18 की मौत, 33 लापता

सोमवार रात हिमाचल प्रदेश में प्रकृति ने भयंकर तबाही मचाई। महज एक रात में 17 जगहों पर बादल फटे, जिनमें से मंडी में 15 और कुल्लू व किन्नौर में एक-एक स्थान शामिल है। सबसे ज्यादा तबाही मंडी जिले में देखने को मिली, जहां 16 लोगों की जान गई। पूरे प्रदेश में मरने वालों की संख्या 18 हो चुकी है, जबकि 33 लोग अब भी लापता हैं।

बारिश, बादल फटने और ब्यास नदी व नालों के उफान से मंडी जिले में भारी तबाही हुई है। अकेले मंडी में 24 घर और 12 गोशालाएं पूरी तरह ध्वस्त हो गईं, 30 मवेशियों की मौत हो गई। अब तक 332 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। कुकलाह के पास पटीकरी प्रोजेक्ट बह गया है और कई पुल भी टूट गए हैं।

राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर लोगों की जान बचाने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हैं।

हिमाचल में कहर बरपाते बादल: थुनाग, गोहर और करसोग में तबाही, कई लापता

थुनाग उपमंडल के कुकलाह में सोमवार रात बादल फटने से भीषण बाढ़ आई, जिसमें करीब 8 घर बह गए और 24 लोग लापता हो गए। मंगलवार शाम तक 9 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 15 लोग अब भी लापता हैं।

गोहर उपमंडल के स्यांज क्षेत्र में भी बादल फटने से दो घर बहे और नौ लोग लापता हो गए। इनमें से दो लोगों के शव मिल चुके हैं। बाड़ा गांव में एक घर गिरने से छह लोग मलबे में दब गए, जिनमें से चार को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि दो की मौत हो गई। बस्सी में फंसे दो लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि परवाड़ा गांव में मकान बहने से एक ही परिवार के दो सदस्य लापता हो गए हैं। इनमें से एक का शव बरामद हो चुका है।

करसोग क्षेत्र में बादल फटने से नेगली पुल के पास चार लोग लापता हैं और एक शव मिल चुका है। यहां छह घरों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन दुर्गम इलाकों और खराब मौसम के चलते चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।

हिमाचल में भीषण आपदा: NDRF का सर्च ऑपरेशन जारी, दर्जनों स्थानों पर तबाही और रेस्क्यू

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने से मची तबाही के बीच NDRF ने लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। टिकरी प्रोजेक्ट से लगभग दो दर्जन लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है, जबकि केलोधार में ढहे घर के मलबे से फंसे आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। लस्सी मोड़ पर एक कार और रैल चौक में चार मवेशी बाढ़ में बह गए। पटिकरी में 16 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट भी पूरी तरह से बह गया, जिसका अब कोई निशान तक नहीं बचा है।

करसोग के कुट्टी नाला में सोमवार रात नदी किनारे फंसे सात लोगों को एनडीआरएफ टीमों ने सुरक्षित बचाया, साथ ही एक घायल को भी रेस्क्यू किया गया। करसोग इमला खड्ड और करसोग बाईपास से भी सात-सात लोगों को बचाया गया, जबकि करसोग कॉलेज से 12 छात्रों और 4 महिलाओं को सुरक्षित निकाला गया। इन सभी क्षेत्रों में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। मंडी शहर में सोमवार रात ब्यास नदी का पानी घुसने से अफरातफरी मच गई। जलभराव के चलते पंडोह बाजार को रातोंरात खाली करवाना पड़ा।

कुल्लू के आनी बैहना में कारशा नाले में बादल फटने से राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पूरी तरह बंद हो गया है। किन्नौर के सांगला तहसील के खरोगला गांव में भी बादल फटने की सूचना है। वहीं चंबा में धुंध के कारण एक सड़क हादसे में युवक की जान गई। कांगड़ा के नादौन में निर्माणाधीन पुल के नीचे एक महिला का शव बरामद किया गया है।

धर्मपुर के स्याठी गांव में बादल फटने से दो घर और पांच गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। जोगिंद्रनगर के नेरी कोटला में एक अज्ञात शव बरामद हुआ है। मंडी शहर के सदर उपमंडल में भी पैलेस कॉलोनी, टारना और डाइट मंडी से 56 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।

हिमाचल में आपदा का तांडव: बादल फटने से तबाही, स्कूल बंद, सड़कें जाम, करोड़ों का नुकसान

मंडी में कहां-कहां फटे बादल:
करसोग के रिक्की, कुट्टी, ओल्ड बाजार, गोहर के स्यांज, बाड़ा, बस्सी, परवाड़ा, तलवाड़ा, कैलोधार, धर्मपुर के त्रियंबला, भडराना, थुनाग के कुटाह, लस्सी मोड़, रेल चौक, पट्टीकारी – इन सभी क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिससे भारी तबाही मची।

हवाई सेवाएं प्रभावित:
कांगड़ा में कम विजिबिलिटी के कारण चार उड़ानें रद्द रहीं। केवल दिल्ली से एक फ्लाइट गगल एयरपोर्ट पहुंची। इंडिगो की दिल्ली से दो और चंडीगढ़ से एक फ्लाइट रद्द रही, वहीं स्पाइसजेट की एक फ्लाइट आई और दूसरी रद्द हुई। भुंतर एयरपोर्ट पर भी सेवाएं बंद रहीं।

सुजानपुर में 51 लोग रेस्क्यू:
हमीरपुर जिले के सुजानपुर उपमंडल के बल्लह गांव में ब्यास नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण 51 लोग जलभराव में फंस गए, जिन्हें पांच घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित निकाला गया।

सड़कें, बिजली और पानी की आपूर्ति ठप:
हिमाचल में 406 सड़कें और 171 पेयजल योजनाएं ठप हो चुकी हैं। अकेले मंडी जिले में 248 सड़कें बंद हैं। राज्य भर में 1515 बिजली ट्रांसफार्मर खराब होने से कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट है।

स्कूल बंद:
मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है।

भारी बारिश का अलर्ट:
शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले छह दिनों तक बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। 5 से 7 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट, जबकि 3 और 4 जुलाई को येलो अलर्ट रहेगा। मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, शिमला, सिरमौर और सोलन में बाढ़ की आशंका बनी हुई है।

प्रभावित जिलों में नुकसान का आंकड़ा:
20 जून से 1 जुलाई तक हिमाचल में कुल ₹356.67 करोड़ का नुकसान दर्ज किया गया है। PWD, जल शक्ति और बिजली बोर्ड से नुकसान का डाटा अभी एकत्र किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री की अपील:
सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि मंडी सहित कई स्थानों पर एक ही रात में 8 बादल फटे। प्रारंभिक आंकलन के अनुसार, राज्य को लगभग ₹500 करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने जनता से अपील की है कि नदी-नालों के पास न जाएं और कम से कम 500 मीटर की दूरी बनाए रखें।

राहुल गांधी ने जताई संवेदना:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर हिमाचल की त्रासदी पर दुख जताया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत कार्यों में प्रशासन का साथ देने की अपील की।

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