अवैध धर्मांतरण गैंग के सरगना जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर बाबा ने कबूल किया कि उसका सबसे बड़ा नेटवर्क दुबई और नेपाल में फैला हुआ था। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि इस नेटवर्क की कमान नीतू उर्फ़ नसरीन के हाथ में थी
बलरामपुर: अवैध धर्मांतरण मामले के मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर बाबा ने एटीएस रिमांड के दौरान कई खुलासे किए हैं। उसने बताया कि उसके गिरोह का सबसे मजबूत नेटवर्क दुबई और नेपाल में फैला था, जिसकी कमान नीतू उर्फ़ नसरीन के हाथ में थी। विदेशी फंडिंग और संस्थाओं से मदद के लिए सीधा संपर्क भी नीतू से ही किया जाता था। एटीएस अफसरों ने जब विदेशी फंडिंग के बारे में दोनों से पूछताछ की, तो उनके जवाबों में कई विरोधाभास सामने आए। सूत्रों के मुताबिक, एटीएस टीम छांगुर बाबा और नीतू को आगे की जांच के लिए आजमगढ़ और श्रावस्ती भी ले जा सकती है.
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, जब पूछताछ में धर्मांतरण का सवाल किया गया तो छांगुर बाबा ने दावा किया कि उसने किसी का भी जबरन या अवैध धर्मांतरण नहीं कराया, सभी ने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाया। सालाना उर्स के बारे में उसने कहा कि ये कार्यक्रम पूरी तरह खुलेआम होते थे और इसमें हर धर्म के लोग शामिल होते थे। वहीं जब उससे पूछा गया कि क्या इस्लाम कबूल करवाने के लिए पैसे दिए जाते थे, तो वह जवाब को टालने लगा। पूछताछ के दौरान नीतू से भी पूछा गया कि जो रकम आती थी, वह कहां खर्च होती थी। इस पर नीतू ने छांगुर बाबा की ओर इशारा करते हुए कहा कि सारा हिसाब-किताब और खर्च का फैसला वही करते थे.
छांगुर बाबा और नीतू की पूछताछ में सामने आए विरोधाभासी बयान
एटीएस ने जब दोनों से पूछा कि उनके और गिरोह के बाकी सदस्यों के कितने-कितने बैंक खाते कहां-कहां खुले हैं, तो दोनों के जवाब एक-दूसरे से मेल नहीं खाते थे। छांगुर बाबा ने दावा किया कि उसे सिर्फ अपने निजी खाते की जानकारी है। जबकि नीतू ने कहा कि सभी खातों का हिसाब-किताब छांगुर ही देखता था। नीतू ने यह भी बताया कि उसके नाम से कुल आठ बैंक खाते हैं, जिनमें से तीन अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर खोले गए हैं.