Friday, September 12, 2025
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महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्रीमंत श्री चेतन दास जी महाराज की चरण पादुका संभालने वाले संतों के मुख से जानिए महान संत की लीलाएं

श्रीमती भगवती जोशी
फतेह नगरl महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्रीमंत श्री चेतन दास जी महाराज का प्रारंभिक जीवन महाराज का जन्म स्थल ग्राम करेडिया तहसील गंगरार जिला चित्तौड़ जन्मतिथि विक्रम सन्वत 1996 (सन् 1939ई)
माता मगनी बाई पिता धनराज जी कुल जाति ब्राह्मण गुर्जर के यहां हुआ था. बचपन का नाम गणेश बचपन में स्वभाव और रुचियां एकांत में रहना मंदिर पर जाना साधु संतों के पास बैठना पसंद था.
बचपन में बिहारी दास जी महाराज की गोद में जाकर बैठना और मां के समझाने पर नहीं उठे.

गुरु और दीक्षा संबंधी जानकारी

उनके गुरु बिहारी दास जी निवासी नेवरिया हाल में परिवार बूड में रहता है गुरु दीक्षा सन 1959 ईस्वी में वि स 2016 गाडरनमाला रामानंद प्रसनप्रदाय वैष्णव अखाड़े से जुड़े हुए थे. 20 वर्ष की आयु में दीक्षा प्राप्त की गुरु चरणों में आप श्री 5 वर्ष अवस्था में रहने लग गए। प्रमुख साधना स्थल मुंगाना तहसील कपासन रहा.

महामंडलेश्वर की उपाधि 4 जनवरी 2007 प्रयागराज में प्राप्त की सेवा कार्य और मंदिर निर्माण

महाराज जी द्वारा बनवाए गए प्रमुख मंदिर आश्रम के नाम व स्थान सांवलिया धाम आश्रम मुंगाना, राम दरबार बार्डर साकेत धाम चित्तौड़गढ़, गायत्री मंदिर लाखों का खेड़ा नरसिंह मंदिर मझवास, हनुमान मंदिर चंडी कूचनाम कुचामन गौशाला, या अन्य धार्मिक सेवा संस्थान का विवरण बिहार गौशालामुंगाना सामाजिक सेवा कार्य अन्य क्षेत्र जल सेवा चिकित्सालय अन्य क्षेत्र आश्रम पर नित्य चलता है.

हरिद्वार इलाहाबाद उज्जैन व नासिक कुंभ में अन्य क्षेत्र चलता है. आंखों के ऑपरेशन के कैंप प्रतिवर्ष आयोजित होते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में योगदान विद्यालय छात्रावास संस्कृत पाठशाला आदि चेतन शिक्षण संस्थान व चेतन विद्यानिकेतन द्वारा प्राथमिक शिक्षा संचनालय चेतन वेद गुरु पूनम द्वारा वैदिक शिक्षा.

धार्मिक कार्य उत्सव आयोजन

प्रमुख वार्षिक धार्मिक आयोजन सभी हिंदू परंपराओं के धार्मिक त्योहार जैसे नवरात्रि रामनवमी सांवली जी का पाठ उत्सव जन्माष्टमी जलझूलनी ग्यारस रामानंद जयंती.

प्रमुख तीर्थ यात्राएं देश-विदेश

उत्तराखंड के चारों धाम, 12 ज्योतिर्लिंग, भारत के चारों शंकराचार्य पीठ, महाकुंभ में अनन क्षेत्र का संचालन मीरा मेवाड़ खालसा
रामानंद जयंती तुलसी विवाह प्रभात फेरी सम्मेलन

व्यक्तित्व और जीवनशैली

महाराज की दैनिक दिनचर्या प्राप्त 4:00 बजे उठकर दैनिक कार्यों से निवृत होकर भगवान का पूजा पाठ हरि नाम कर स्मरण कथा कीर्तन रात्रि जागरण.

मेवाड़ महामंडलेश्वर महंत चेतन दास जी महाराज का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका निधन 4 जुलाई, 2025 को प्रातः 10:15 पर मुंगाणा धाम आश्रम में हुआ। वह मेवाड़ संत परंपरा के गौरव और धर्म सेवा तथा साधना के प्रतीक थे। उनके निधन से मेवाड़ और संपूर्ण संत समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।

महंत चेतन दास जी महाराज की प्रमुख गतिविधियाँ:

  • आध्यात्मिक योगदान: उन्होंने अपने उपदेशों से लाखों श्रद्धालुओं के जीवन को आलोकित किया और समाज को सत्य, अहिंसा और करुणा की राह दिखाई।
  • मंदिर निर्माण: उन्होंने लगभग 1700 मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा करवाई और कई मंदिरों का निर्माण तथा जीर्णोद्धार करवाया, विशेष रूप से मेवाड़ मालवा क्षेत्र में।
  • गौ सेवा: महंत चेतन दास जी महाराज ने गौ सेवा को परम पुनीत कार्य माना और इसके लिए काम किया।
  • कुंभमेले में सेवा: पिछले 30 वर्षों से वे कुंभमेले में संतों और श्रद्धालुओं की सेवा के लिए मेवाड़ मीरा खालसा का संचालन कर रहे थे।
  • शिक्षा और सेवा: मुंगाणा आश्रम में गोशाला, अन्नपूर्णा भोजनशाला और वेद गुरुकुल का संचालन होता है।
    महंत चेतन दास जी महाराज के अनुयायी उनके सान्निध्य और आशीर्वाद को हमेशा याद रखेंगे। उनके निधन से एक युग का अंत हुआ है, लेकिन उनकी विरासत और शिक्षाएं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।

महंत चेतन दास जी महाराज के अनुयायी उनके सान्निध्य और आशीर्वाद को हमेशा याद रखेंगे। उनके निधन से एक युग का अंत हुआ है, लेकिन उनकी विरासत और शिक्षाएं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।

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