Thursday, September 11, 2025
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राहुल गांधी ने वोट चोरी के 5 तरीकों का किया खुलासा, फॉर्म-6 के दुरुपयोग पर जताई गंभीर चिंता – आखिर क्या है ये फॉर्म

नई दिल्ली लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने ‘वोट चोरी’ शीर्षक से एक प्रेजेंटेशन पेश करते हुए दावा किया कि यह धांधली बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए की गई है

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी के आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि वोटर लिस्ट में हेराफेरी कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फायदा पहुंचाया गया है। राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ शीर्षक से एक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने कथित धांधली के सबूत पेश किए।

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी टीम ने जांच के दौरान महादेवपुरा में वोट चोरी के कई पुख्ता सबूत जुटाए हैं। उन्होंने खास तौर पर 33,000 से अधिक लोगों की ओर से फॉर्म-6 के दुरुपयोग की बात को प्रमुखता से उठाया।

राहुल गांधी ने बताए वोट चोरी के 5 तरीके:

  1. डुप्लिकेट वोटर्स का नाम सूची में होना
  2. फर्जी और गलत पते वाले वोटर्स
  3. एक ही पते पर दर्जनों वोटर्स का नाम होना
  4. अवैध फोटो का उपयोग
  5. फॉर्म-6 का दुरुपयोग

उन्होंने दावा किया कि सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र में ही 1 लाख से ज्यादा वोट चोरी हुए हैं। इन पांच तरीकों में से सबसे ज़्यादा दुरुपयोग फॉर्म-6 का हुआ है।

अब सवाल उठता है – फॉर्म-6 आखिर होता क्या है?

फॉर्म-6 एक आधिकारिक दस्तावेज है जिसका उपयोग मतदाता सूची में नया नाम जोड़ने के लिए किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति पहली बार वोटर बनना चाहता है या किसी नए पते पर स्थानांतरित हो गया है, तो उसे इस फॉर्म के माध्यम से आवेदन करना होता है।

जो भारतीय नागरिक 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं और अब तक वोटर लिस्ट में उनका नाम दर्ज नहीं है, वे इस फॉर्म को भरकर खुद को मतदाता के रूप में पंजीकृत करा सकते हैं। यह फॉर्म न केवल नए मतदाताओं के लिए है, बल्कि उन लोगों के लिए भी है जो एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे में स्थानांतरित हुए हैं और अपने नए पते के अनुसार वोटर लिस्ट में नाम जोड़ना चाहते हैं।

फॉर्म भरते समय आवेदक को अपना नाम, जन्म तिथि, लिंग, जन्म स्थान, स्थायी निवास का पता और परिवार के अन्य सदस्यों की जानकारी (यदि वे पहले से वोटर लिस्ट में शामिल हैं) भी देनी होती है। यह प्रक्रिया भारत के चुनावी प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, ताकि हर योग्य नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।

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