अमेरिका द्वारा लागू किए गए नए ट्रंप टैरिफ ने भारत के डायमंड उद्योग, खासकर सूरत के बाजार पर गहरा असर डाला है। सूरत, जो दुनिया के हीरे तराशने और पॉलिश करने का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है, इस समय गंभीर आर्थिक दबाव का सामना कर रहा है।
ऑर्डर रुकने से बढ़ी परेशानी
टैरिफ बढ़ने के बाद अमेरिकी खरीदारों ने नए ऑर्डर देने में हिचकिचाहट शुरू कर दी है। इससे न केवल निर्यात पर असर पड़ा है बल्कि कई बड़े डायमंड प्रोसेसिंग यूनिट्स को काम कम करना पड़ा है। उद्योग जगत के सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में ऑर्डर में भारी गिरावट आई है, जिसके कारण कई इकाइयों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।
एक लाख से अधिक नौकरियां खतरे में
डायमंड उद्योग में सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोग काम करते हैं, जिनमें पॉलिशिंग वर्कर्स, कटिंग एक्सपर्ट्स और ट्रेडिंग एजेंट शामिल हैं। मौजूदा संकट में लगभग एक लाख से ज्यादा नौकरियां खतरे में आ गई हैं। कई श्रमिकों को छुट्टी पर भेज दिया गया है, जबकि कुछ को आधा वेतन दिया जा रहा है।
उद्योग पर असर का दायरा
सूरत के डायमंड उद्योग का बड़ा हिस्सा अमेरिका पर निर्भर है। टैरिफ में बढ़ोतरी से हीरों की कीमत अमेरिकी बाजार में बढ़ गई है, जिससे मांग में कमी आई है। छोटे व्यापारी और निर्यातक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, क्योंकि उनके पास लंबे समय तक नुकसान सहने की क्षमता नहीं है।
व्यापारियों की अपील
उद्योग संगठन सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह अमेरिका से बातचीत करके इस टैरिफ को कम करने की कोशिश करे, ताकि निर्यात को फिर से गति मिल सके और नौकरियों पर मंडराता खतरा टल सके।