ग्रेटर नोएडा में दहेज हत्या के आरोपी को पुलिस ने पैर में गोली मारी, जब वह कथित तौर पर हिरासत से फरार होने की कोशिश कर रहा था।
रविवार को ग्रेटर नोएडा में पत्नी को आग लगाने के आरोपी को पुलिस मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी विपिन भाटी पर पत्नी निक्की की हत्या और बार-बार मारपीट करने के आरोप थे।
रिपोर्ट के अनुसार, महिला के परिवार का आरोप है कि विपिन भाटी और उसके माता-पिता दहेज की मांग को लेकर उसे लगातार प्रताड़ित करते थे। अस्पताल में एएनआई से बातचीत के दौरान भाटी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “मैंने उसे नहीं मारा, वह खुद मर गई।” घरेलू हिंसा के सवाल पर उसका कहना था, “पति-पत्नी के बीच झगड़े होना आम बात है।”
इसी बीच निक्की भाटी के परिवार ने कसाना पुलिस स्टेशन के बाहर न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उसके पिता का आरोप है कि दहेज की मांग को लेकर उसकी हत्या की गई। उन्होंने कहा, “सास ने उस पर मिट्टी का तेल डाला और पति ने आग लगा दी। वे लगातार दहेज की मांग करते रहे। मैंने बेटी की शादी रीति-रिवाज से की थी, लेकिन अब जब वह मर चुकी है तो उनकी मांगें पूरी हो गई हैं। उन्होंने कार की मांग की थी और इसके लिए मेरी बेटी को प्रताड़ित किया।”
परिजनों ने भाटी पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए कहा, “वह न तो पुरुष है और न ही इंसान, बल्कि कसाई है। एक बार हम उसे घरेलू हिंसा की वजह से घर ले आए थे, लेकिन सामाजिक दबाव में वे आए और यह वादा करके उसे वापस ले गए कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। इसके बावजूद अत्याचार जारी रहा। अब उन्हें वही मिल गया जिसकी उन्हें चाहत थी।”
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि निक्की 70 प्रतिशत तक जल चुकी थी और उसे नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
उन्होंने बताया, “मेरी बड़ी बेटी ने मुझे फोन करके घटना की जानकारी दी। जब हम अस्पताल पहुंचे तो ये लोग उसे आग लगाकर वहां से भाग गए थे। पड़ोसियों ने उसे फोर्टिस अस्पताल पहुँचाया। वहां डॉक्टरों ने कहा कि वह 70 प्रतिशत जल चुकी है और इलाज संभव नहीं है, इसलिए उसे सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। हमने एम्बुलेंस बुक की और उसे सफदरजंग ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।”
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा, “इन दरिंदों ने किसी की बेटी को जलाने से पहले जरा भी नहीं सोचा। उन्हें यह भी ख्याल नहीं आया कि हमने उसे कैसे पढ़ाया-लिखाया और शादी कराई। क्या किसी की बेटी को आग में झोंकते वक्त उन्हें जरा भी दुख नहीं हुआ? इन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए। मेरी दोनों बेटियों की शादी इसी परिवार में हुई थी। मेरे पोते ने भी सबको बताया है कि यह सब कैसे हुआ।”