बीजिंग के तियानआनमेन स्क्वायर में आयोजित विक्ट्री डे परेड में चीन ने अपनी आधुनिक सैन्य ताकत का भव्य प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में चीन ने कई ऐसे हथियार पहली बार दुनिया के सामने पेश किए, जिन्हें भविष्य में ताइवान स्ट्रेट और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संभावित संघर्ष को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
इस परेड में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के किम जोंग उन, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी शामिल रहे। चीन ने इस मौके पर अपनी हवाई शक्ति, नौसैनिक सामर्थ्य और रॉकेट फोर्स के जरिए यह संदेश दिया कि उसकी तकनीकी और मारक क्षमता तेजी से बढ़ रही है।
ड्रोन, हाइपरसोनिक मिसाइलें, इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल DF-5C, “गुआम किलर” DF-26D, स्टील्थ फाइटर जेट J-20S और J-35, नए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग सिस्टम, आधुनिक एयर डिफेंस तकनीक और अगली पीढ़ी के टैंक जैसे हथियार इस परेड के मुख्य आकर्षण रहे।
विशेष रूप से, GJ-11 “लॉयल विंगमैन” ड्रोन और H-6J लॉन्ग-रेंज बॉम्बर ने यह दिखाया कि चीन अपनी सेना को नेटवर्क-सेंट्रिक और अत्याधुनिक तकनीक से लैस कर रहा है। कुल मिलाकर, इस परेड ने साबित किया कि चीन अब केवल संख्या में नहीं, बल्कि आधुनिकता और रणनीतिक क्षमता में भी बड़ी छलांग लगा चुका है।
