संसद के मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनका कार्यकाल अभी दो साल शेष था। इसके बाद वे सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए थे। शुक्रवार को वे पहली बार सवार्जनिक रूप से उपस्थित हुए। इसी दिन चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में 67 वर्षीय राधाकृष्णन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। लाल कुर्ता पहने राधाकृष्णन ने ईश्वर के नाम पर अंग्रेज़ी में शपथ ग्रहण की।
राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराया था। इस समारोह में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल हुए। वे 21 जुलाई के बाद यानी 52 दिनों के अंतराल के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए। तत्कालीन उपराष्ट्रपति धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफा दिया था, जिसके चलते यह चुनाव कराना पड़ा। समारोह में धनखड़ सी.पी. राधाकृष्णन के करीब अतिथियों की पहली पंक्ति में बैठे थे और हंसते-मुस्कुराते, ताली बजाते नजर आए।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और वेंकैया नायडू भी शामिल हुए। इससे पहले धनखड़ ने अपने उत्तराधिकारी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए पत्र लिखा था। यह जुलाई में पद छोड़ने के बाद उनका पहला सार्वजनिक बयान था। उन्होंने लिखा कि राधाकृष्णन का इस उच्च पद तक पहुँचना जनप्रतिनिधियों के विश्वास और भरोसे का प्रतीक है। साथ ही उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में उनके व्यापक अनुभव से उपराष्ट्रपति का पद और अधिक सम्मान और गरिमा प्राप्त करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में कार्यालय नई ऊँचाइयों को छुएगा और लोकतंत्र को मजबूत करेगा। उन्होंने उन्हें सफल कार्यकाल और देश की सेवा के लिए शुभकामनाएँ दीं।
हालांकि, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल लगातार धनखड़ की चुप्पी और सार्वजनिक रूप से उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठा रहे थे। कांग्रेस ने कहा था कि वे पिछले 50 से अधिक दिनों से असामान्य रूप से चुप हैं। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी पूछा था – “पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कहाँ हैं?” इसके साथ ही शिवसेना सांसद संजय राउत और तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने भी उनकी गैरमौजूदगी को लेकर सरकार से गंभीर सवाल किए थे।