वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने अपने एक प्रवचन में बताया कि घर के मंदिर में कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती हैं। उनके अनुसार, इन वस्तुओं को घर और मंदिर दोनों जगहों से दूर रखना चाहिए।
सनातन धर्म में रोजाना पूजा-पाठ का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि प्रतिदिन कुछ समय भगवान की आराधना करने से दिन शुभ रहता है और मन को शांति मिलती है। कुछ लोग रोज मंदिर जाकर पूजा करते हैं, जबकि कई लोग घर में ही मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना करते हैं।
घर के मंदिर को लेकर अनेक नियम बताए गए हैं — मूर्ति कैसी होनी चाहिए, कौन सा सामान कहां रखा जाए और किन वस्तुओं को पूजा घर से दूर रखना चाहिए। इन सब बातों को लेकर लोगों में अक्सर भ्रम रहता है। अब वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने इन सवालों के स्पष्ट उत्तर दिए हैं।
इन चीजों को भूलकर भी मंदिर में न रखें
इन चीजों को भूलकर भी मंदिर में न रखें
अक्सर लोग पूजा घर में ऐसी वस्तुएं रख देते हैं जिनका असर घर और उसके सदस्यों पर नकारात्मक पड़ता है। प्रेमानंद महाराज का कहना है कि कुछ चीजें न केवल पूजा के प्रभाव को घटाती हैं बल्कि घर में नेगेटिविटी भी बढ़ाती हैं।
उनके अनुसार, मंदिर में कभी भी टूटी या खंडित मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। यदि कोई पोस्टर या फटी हुई तस्वीर है, तो वह भी घर की सकारात्मक ऊर्जा को खराब करती है, इसलिए ऐसी वस्तुओं को तुरंत हटा देना चाहिए।
संत का यह भी कहना है कि मंदिर में पितरों की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा, बहुत पुरानी या फटी हुई धार्मिक पुस्तकें, आरती या चालीसा संग्रह को भी पूजा घर से अलग स्थान पर रख देना चाहिए।
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ऐसे फूल तुरंत हटा दें
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि भगवान को चढ़ाए गए फूलों को समय-समय पर बदलना जरूरी है। मंदिर में मुरझाए या सूखे फूल रखना अशुभ माना जाता है और इससे घर का वास्तु भी प्रभावित होता है। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर में किसी जीवित गुरु या संत की तस्वीर लगाना सही नहीं है।
महाराज के अनुसार, मंदिर सबसे पवित्र स्थान होता है, इसलिए वहां रखी हर वस्तु की ऊर्जा शुद्ध और सकारात्मक होनी चाहिए। यही कारण है कि कुछ चीजों को मंदिर में रखने से बचना चाहिए।