भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को सिडनी टेस्ट के दौरान दर्द में देख ऑस्ट्रेलिया के 15 खिलाड़ी खुश थे। बुमराह ने पांचवें टेस्ट के तीसरे दिन बिल्कुल भी गेंदबाजी नहीं की, जिससे ऑस्ट्रेलियाई टीम को राहत मिली।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा और ट्रैविस हेड ने माना कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की गेंदबाजों के लिए मददगार पिच पर जसप्रीत बुमराह का पांचवें और अंतिम टेस्ट के तीसरे दिन गेंदबाजी न करना उनकी टीम के लिए फायदेमंद साबित हुआ। बुमराह पीठ के निचले हिस्से में दर्द के चलते ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर सके। तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल इस पिच पर बुमराह की गैरमौजूदगी का फायदा उठाकर ऑस्ट्रेलिया ने 162 रनों का लक्ष्य हासिल किया और पिछले एक दशक में पहली बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने में कामयाब रहा।
हमारे लिए यह किसी वरदान से कम नहीं था
पूरी सीरीज में जसप्रीत बुमराह का दबदबा इतना था कि जब यह खबर आई कि वह चोटिल होने के कारण गेंदबाजी नहीं करेंगे, तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने राहत की सांस ली। उस्मान ख्वाजा, जिन्हें सीरीज के दौरान बुमराह के खिलाफ काफी संघर्ष करना पड़ा था, ने इसे खुलकर स्वीकार किया।
ख्वाजा ने कहा, “बुमराह मुझ पर पूरी तरह हावी था। उसका सामना करना बेहद मुश्किल था, और मुझे हर बार नई गेंद के साथ उसका सामना करना पड़ता था।”
उन्होंने एबीसी स्पोर्ट से कहा, “आप कभी नहीं चाहते कि कोई खिलाड़ी चोटिल हो। उसका चोटिल होना निराशाजनक था, लेकिन हमारे लिए यह किसी वरदान से कम नहीं था। इस पिच पर उसका सामना करना किसी दु:स्वप्न जैसा होता। जैसे ही हमने देखा कि वह मैदान पर नहीं उतर रहा है, हमने इसे अपने लिए बड़ा मौका समझा।
इस बार बिल्कुल अलग दिखा बुमराह
टेस्ट क्रिकेट में 5500 से ज्यादा रन बना चुके 38 वर्षीय उस्मान ख्वाजा ने स्वीकार किया कि जसप्रीत बुमराह ने उन्हें रन बनाने का कोई मौका नहीं दिया। ख्वाजा ने कहा, “मैंने जिन भी गेंदबाजों का सामना किया है, उनमें बुमराह का सामना करना सबसे मुश्किल रहा। 2018 में मैंने उसका सामना किया था और तब उसने मुझे एक बार आउट किया था। तब सब कुछ ठीक लग रहा था, लेकिन इस बार वह पूरी तरह अलग गेंदबाज बन चुका था।”
बुमराह ने सीरीज में 13.06 की औसत से 32 विकेट चटकाए और “प्लेयर ऑफ द सीरीज” चुने गए। जब ख्वाजा से पूछा गया कि बुमराह का सामना करना इतना मुश्किल क्यों था, तो उन्होंने कहा, “इस बार विकेट से उसे काफी मदद मिल रही थी। पिछली बार की तुलना में वह ज्यादा परिपक्व हो चुका था। उसे पता था कि वह क्या कर रहा है और किसे गेंदबाजी कर रहा है।
ड्रेसिंग रूम में सभी खुश थे
ख्वाजा ने आगे कहा, “उसके पास हर बल्लेबाज के लिए अलग रणनीति थी। आम तौर पर मुझे लगता था कि मैं किसी भी गेंदबाज के खिलाफ रन बनाने का तरीका ढूंढ लूंगा, लेकिन उसके खिलाफ ऐसा नहीं कर सका। उसका सामना करना बहुत मुश्किल था। खुदा का शुक्र है कि मुझे फिर से उसका सामना नहीं करना पड़ेगा।”
मध्यक्रम के बल्लेबाज ट्रैविस हेड ने भी ख्वाजा की बात का समर्थन करते हुए कहा, “बुमराह के गेंदबाजी नहीं करने से हमारे ड्रेसिंग रूम में मौजूद 15 खिलाड़ी बेहद खुश थे। वह एक शानदार गेंदबाज है, और इस दौरे पर उसने अद्भुत प्रदर्शन किया।
ये भी पढ़ें:
रोहित शर्मा ने संन्यास की खबरों पर तोड़ी चुप्पी, सिडनी टेस्ट से बाहर होने की वजह भी बताई