Thursday, September 11, 2025
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हर्षा रिछारिया की भावुक प्रतिक्रिया: महाकुंभ संगम तट छोड़ने का किया ऐलान

महाकुंभ की चर्चित हर्षा रिछारिया अब फूट-फूटकर रो रही हैं और महाकुंभ छोड़ने का फैसला कर चुकी हैं। उन्होंने कुछ संतों और मीडिया चैनलों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्हें महाकुंभ छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है। हर्षा ने कहा कि वह एक लड़की हैं, जो धर्म से जुड़ने आई थीं, सनातन संस्कृति को जानने आई थीं, लेकिन उन्हें इस यात्रा को जारी रखने का मौका नहीं दिया गया। यह ऐसा कुंभ था जो हमारे जीवन में केवल एक बार आता है, और आप लोगों ने इसे मुझसे छीन लिया है। इसके पुण्य का तो मुझे नहीं पता, लेकिन जिन कारणों से मुझे महाकुंभ छोड़ना पड़ा है, उन्हें इसका पाप जरूर लगेगा।

हर्षा ने यह भी कहा कि यहां आने के बाद जो कुछ भी हुआ, उसमें उनकी कोई गलती नहीं है। वह महाकुंभ में पूरे समय रहने के लिए आई थीं, लेकिन उनका नाम विवादों में घसीट दिया गया। फिलहाल, हर्षा एक छोटे से टेंट के कॉटेज में रह रही हैं, और उन्होंने कहा कि उन्हें इस जगह में रहने के लिए मजबूर किया गया है। अब, यदि उन्हें बस यही काटेज देखना है, तो बेहतर है कि वह यहां से चली जाएं।

पिछले हफ्ते, हर्षा ने निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान एक रथ पर साधु संतों के साथ महाकुंभ में प्रवेश किया था। इस दौरान कुछ मीडिया चैनलों ने उनसे बातचीत की, और उसी बातचीत के बाद वह महाकुंभ की सबसे चर्चित शख्सियत बन गईं। रातों-रात हर्षा महाकुंभ की सबसे खूबसूरत साध्वी के तौर पर पहचानी जाने लगीं। उनकी तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल होने लगे, और इसे देखकर हर्षा भी काफी खुश नजर आईं थीं। उन्होंने तब कहा था कि गूगल और यूट्यूब की ट्रेडिंग में आना वाकई बहुत अच्छा अनुभव है। इंस्टाग्राम पर उनके फॉलोअर्स तीन दिन में ही साढ़े पांच लाख से बढ़कर दस लाख तक पहुंच गए।

इसी बीच, इंस्टाग्राम पर उनकी कुछ पुरानी तस्वीरें और वीडियो भी वायरल होने लगीं। इस वजह से उन्हें एंकर, होस्ट, एक्ट्रेस, और मॉडल के तौर पर पहचान मिलने लगी। इससे चिंतित हर्षा ने स्पष्ट किया कि वह साध्वी नहीं हैं, बल्कि साध्वी बनने की राह पर हैं। उन्होंने कहा कि वह साध्वी बनना चाहती हैं, लेकिन अभी तक नहीं बनीं। हर्षा के कारण निरंजनी अखाड़े को दूसरे अखाड़ों के संतों के निशाने पर लिया गया। इन संतों ने पेशवाई और शाही स्नान के दौरान हर्षा को रथ पर बैठाने को गलत परंपरा करार दिया। कई संतों ने सीधे कैलाशानंदगिरि पर हमला बोल दिया।

इस स्थिति में हर्षा ने कहा कि बहुत सी बातें मेरे ध्यान में आई हैं, जो कि पूरी तरह गलत हैं। अब यह मामला मेरे गुरुदेव (कैलाशानंद गिरि) तक पहुँच चुका है। जैसे एक बच्चा अपने माता-पिता के बारे में कुछ भी बुरा नहीं सुन सकता, वैसे ही मैं अपने गुरुदेव के बारे में कुछ भी गलत नहीं सुन सकती हूं। हर्षा ने यह भी कहा कि वह सभी साधु संतों का गहरा सम्मान करती हैं, लेकिन सभी को यह समझना चाहिए कि एक महिला के बारे में कैसी बातें की जा रही हैं।

हर्षा क्यों हुईं गुस्से में?

हर्षा ने कहा कि कुछ गैर-धार्मिक रिपोर्टर महाकुंभ में आए हैं, और कुछ चैनलों के रिपोर्टरों ने मिलकर मुझे एंकर और एक्टर की जगह मॉडल बना दिया है, जबकि मैंने कभी मॉडलिंग नहीं की। मेरे प्रोफाइल में भी यह नहीं है। जैसे मुझे साध्वी का टैग दिया गया, वैसे ही मुझे मॉडल का टैग भी दे दिया गया है। इसके अलावा, काली सेना के अध्यक्ष आनंद स्वरूप, जो खुद शादीशुदा हैं, मुझे नाचने-गाने वाली बता रहे हैं। वह मुझ पर उंगली उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “आप पहले खुद में देखिए कि आप कितने सही हैं, कितने साफ हैं, फिर किसी पर उंगली उठाइए। आपको सभ्यता का बिल्कुल भी एहसास नहीं है। आप एक संत बताकर महाकुंभ में हैं, लेकिन इस महाकुंभ की परंपरा को कहां ले जा रहे हैं। आप मेरे कंधे पर बंदूक रखकर मेरे गुरुजी पर चला रहे हैं। वे क्या कर रहे हैं?

मानहानि का केस करने की चेतावनी

हर्षा ने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ कंटेंट क्रिएटर्स और न्यूज रिपोर्टर जो अपनी टीआरपी और मसाले के लिए जो कर रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए वकील से पेजेज तैयार करने की बात की गई है। संत आनंद स्वरूप जी ने जिस तरह से मेरे और मेरे गुरुदेव के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया है, वह न केवल गलत है, बल्कि उन्हें इसका कोई अधिकार नहीं है। मेरे गुरुदेव जिस स्थान पर हैं, वहां तक आप कभी नहीं पहुंच सकते। अगर अब भी यह मामले बढ़े, तो जो लोग मेरे और मेरे गुरुदेव के खिलाफ अपमानजनक बातें कर रहे हैं, उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर करूंगी।


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