विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में जानकारी दी कि 2009 से अब तक 15,756 अवैध भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से वापस भेजा गया है। उन्होंने कहा, “हमारा ध्यान अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई पर होना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका से बातचीत कर रहे हैं कि निर्वासित भारतीयों के साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार न हो।”
अवैध प्रवास और निर्वासन की प्रक्रिया
अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ने के कारण वहां की सरकार ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा सुरक्षा एजेंसियां गैर-कानूनी रूप से रह रहे लोगों की पहचान कर उन्हें निर्वासित कर रही हैं। भारतीय प्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा नौकरी, शिक्षा या अन्य अवसरों की तलाश में अमेरिका जाता है, लेकिन कई लोग वीज़ा की समय-सीमा खत्म होने के बावजूद वहां रुक जाते हैं या अवैध रूप से प्रवेश करते हैं, जिससे वे निर्वासन की श्रेणी में आ जाते हैं।
जयशंकर के अनुसार, अमेरिका द्वारा सबसे अधिक निर्वासन 2019 में हुआ, जब 2,042 भारतीयों को वापस भेजा गया। इसके बाद, 2020 में 1,889 भारतीयों को वापस भेजा गया, जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही थी।
अमेरिका से भारत भेजे गए प्रवासियों का वार्षिक आंकड़ा
वर्ष | निर्वासित भारतीयों की संख्या |
---|---|
2009 | 734 |
2010 | 799 |
2011 | 597 |
2012 | 530 |
2013 | 515 |
2014 | 591 |
2015 | 708 |
2016 | 1,303 |
2017 | 1,024 |
2018 | 1,180 |
2019 | 2,042 (सबसे अधिक) |
2020 | 1,889 |
2021 | 805 |
2022 | 862 |
2023 | 617 |
2024 | 1,368 |
2025 (6 फरवरी तक) | 205 |
अमेरिका की सख्त आव्रजन नीति और भारत सरकार का रुख
पिछले कुछ वर्षों में, अमेरिका ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। वहां की सरकार गैर-कानूनी रूप से रह रहे लोगों को पकड़कर निर्वासित कर रही है। इस नीति का असर कई देशों के प्रवासियों पर पड़ा है, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं।
भारत सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और अमेरिका के साथ वार्ता कर रही है ताकि निर्वासित भारतीयों के साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार न हो। विदेश मंत्रालय यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि जो भारतीय निर्वासित किए जाएं, उन्हें उचित कानूनी सहायता और पुनर्वास की सुविधा मिले।