महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर बागेश्वर धाम में एक भव्य कन्या विवाह समारोह आयोजित किया जाएगा। इस पवित्र आयोजन में 251 कन्याओं का विवाह संपन्न कराया जाएगा, जिनमें 87 आर्थिक रूप से कमजोर, 94 पितृहीन, 54 अनाथ और 12 मातृहीन कन्याएं शामिल हैं। इस आयोजन का उद्देश्य जरूरतमंद कन्याओं को सम्मानपूर्वक विवाह का अवसर प्रदान करना है।
मुख्य बिंदु: |
प्रेमानंद महाराज की यात्रा में बाधा डालने पर धीरेंद्र शास्त्री नाराज बोले – ‘वृंदावन में रहना है तो राधे-राधे कहना ही होगा’ धीरेंद्र शास्त्री ने प्रेमानंद बाबा से विरोधों को नजरअंदाज करने की अपील की कहा – जरूरत पड़ी तो बाबा को मनाने खुद वृंदावन जाएंगे |
बाबा बागेश्वर ने प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा विवाद पर दी प्रतिक्रिया
छतरपुर: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन पदयात्रा पर उठे विवाद को लेकर अपनी बात रखी है। उन्होंने यात्रा का विरोध करने वालों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले राक्षसों को हवन-पूजन से दिक्कत होती थी, इंसानों को नहीं। जिन महिलाओं को इस यात्रा से परेशानी हो रही है, वे इंसान नहीं हो सकतीं।
विरोधियों पर तीखी टिप्पणी
बागेश्वर बाबा ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘जिसके पेट में दर्द है, वह वृंदावन छोड़कर दिल्ली चला जाए। वृंदावन में तो केवल राधे-राधे ही चलेगा।’ उन्होंने विरोध करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा, ‘जो लोग यात्रा रोकने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी ठठरी बांधेंगे।’ बाबा ने आगे कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह खुद वृंदावन जाकर प्रेमानंद महाराज से यात्रा फिर से शुरू करने की प्रार्थना करेंगे।
महाशिवरात्रि पर बागेश्वर धाम में सामूहिक कन्या विवाह
बागेश्वर धाम में इस साल महाशिवरात्रि के अवसर पर 251 कन्याओं का सामूहिक विवाह आयोजित किया जाएगा। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी यह आयोजन भव्य रूप से होगा। धीरेंद्र शास्त्री ने जानकारी दी कि 108 कन्याएं आदिवासी समाज से और 143 कन्याएं अन्य समाजों से चयनित की गई हैं। उन्होंने कहा कि मंदिरों में हिंदू श्रद्धालु जो करोड़ों रुपये दान करते हैं, वह धन हिंदू बेटियों के घर बसाने में इस्तेमाल होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग की।
ऐसे हुआ कन्याओं का चयन
कन्याओं के चयन प्रक्रिया को लेकर बाबा ने बताया कि धाम को 1000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 251 कन्याओं का चयन किया गया। 60 लोगों की टीम ने एक महीने में लगभग 22 से 24 हजार किलोमीटर की यात्रा कर सर्वे किया। इस दौरान ग्रामीणों, पड़ोसियों और जनप्रतिनिधियों से बातचीत के आधार पर जरूरतमंद कन्याओं का चयन किया गया। इन कन्याओं में कई अनाथ, मातृ-पितृहीन और दिव्यांग भी शामिल हैं।