प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए वर्षों से कतार में
मावली: मावली तहसील के गायरीयावास गांव में रहने वाले मोहनलाल गायरी और उनकी पत्नी धुली बाई की। इनके एक बेटा और एक बेटी हैं। बेटी की शादी हो चुकी है और वह ससुराल में रहती है, जबकि बेटा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अलग रहता है। मोहनलाल और उनकी पत्नी एक कच्चे मकान में रहते हैं और खेती करके अपना गुजर-बसर कर रहे हैं।जब हम उनके घर पहुंचे और बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने कॉलोनी में घर पाने के लिए दो बार फॉर्म भरा, लेकिन मंजूरी नहीं मिली। उनका कहना है कि उनके आसपास के सभी मकान पक्के हैं, लेकिन उनका घर ही कच्चा है। मोहनलाल ने दो भैंसें और एक बकरी पाल रखी है, लेकिन उनकी पेंशन भी नहीं आती। इस उम्र में भी वे खेती कर रहे हैं, क्योंकि सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही। बुजुर्ग अवस्था में भी वे मेहनत करके अपना जीवन यापन कर रहे हैं।