मावली, 13 फरवरी 2025 – आज हम मावली पंचायत के कालाखेत गांव से 6 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव पहुंचे। यहां के लोगों से बातचीत करने पर पता चला कि कई परिवारों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक कॉलोनी का लाभ नहीं मिला। लोगों ने बताया कि उन्होंने फॉर्म भी भरवाए थे, लेकिन योजना का लाभ अब तक नहीं पहुंचा।
झोंपड़ी में रहने को मजबूर पप्पू बाई का परिवार
इसी गांव में रहने वाली पप्पू बाई ने हमें अपनी कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि उनकी कॉलोनी भी पास नहीं हुई। जब वह हमें अपने घर लेकर गईं, तो घर की हालत देखकर मन व्यथित हो गया—एक पूरी तरह से कच्चा मकान, जो बारिश, ठंड और गर्मी में भी उनका एकमात्र सहारा है।
मजदूरी कर गुजर-बसर कर रही पप्पू बाई
पप्पू बाई के दो बेटे और तीन बेटियां हैं, जिनमें से दो बेटियों की शादी हो चुकी है और वे ससुराल में रहती हैं। बाकी परिवार इसी घर में रहता है। न उन्हें सरकारी अनाज मिलता है और न ही किसी सरकारी योजना का कोई लाभ। वह पत्थर तोड़कर और मजदूरी कर अपने पूरे परिवार का पालन-पोषण कर रही हैं। उनके बेटे भी मजदूरी कर अपनी-अपनी गृहस्थी चला रहे हैं, लेकिन घर की स्थिति दिन-ब-दिन दयनीय होती जा रही है।
सरकारी मदद का इंतजार
क्या पप्पू बाई और उनके जैसे अन्य जरूरतमंद परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा? यह सवाल सरकार और प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है।