ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, इटली और नॉर्वे के साथ-साथ जापान, दक्षिण कोरिया और इज़राइल ने भी इस फाइटर जेट के लिए ऑर्डर दिए हैं।
भारत की सैन्य ताकत को नई मजबूती
अमेरिका से छह अतिरिक्त P-8I विमान खरीदने की योजना
भारतीय नौसेना अपनी समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए अमेरिका से छह अतिरिक्त P-8I लंबी दूरी की समुद्री निगरानी एवं पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान खरीदेगी। भारतीय नौसेना के पास पहले से ही 11 P-8I विमान हैं, जो देश की समुद्री सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
F-35 लड़ाकू विमान की खासियत
- पीढ़ी: पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ लड़ाकू विमान
- क्षमताएँ: हर मौसम में उड़ान भरने और एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस
- तकनीक: ओपन आर्किटेक्चर, सेंसर और सूचना इकट्ठा करने वाले उपकरण
- खतरा पहचानने की क्षमता: लंबी दूरी से दुश्मनों का पता लगाकर उन्हें नष्ट करने में सक्षम
संचालन लागत और वर्तमान उपयोगकर्ता
- संचालन महंगा: रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, F-35 के रखरखाव और तकनीकी लागत के कारण प्रति उड़ान घंटे की लागत लगभग 36,000 डॉलर है।
- इन देशों के पास पहले से: ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, इटली, नॉर्वे, जापान, दक्षिण कोरिया और इजरायल ने पहले ही F-35 के लिए ऑर्डर दिए हैं।
F-35 के खास फीचर्स
- लंबाई: 51.4 फीट
- अधिकतम गति: 1,976 किमी/घंटा
- उड़ान ऊंचाई: 50,000 फीट
- 4-बैरल 25mm रोटरी कैनन (प्रति मिनट 180 गोलियां दागने की क्षमता)
- हवा से हवा, हवा से सतह और एंटी-शिप मिसाइलें
भारत के पास फिलहाल राफेल
- भारत वर्तमान में राफेल लड़ाकू विमान का उपयोग कर रहा है, जो 4.5 पीढ़ी का विमान है।
- यह हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों युद्ध करने में सक्षम है।
- एक राफेल विमान की कीमत लगभग 11-12 करोड़ डॉलर प्रति यूनिट है।
- हालांकि, राफेल में F-35 जैसी उन्नत स्टेल्थ तकनीक नहीं है।
असैन्य परमाणु सहयोग को बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इसके तहत भारत में अमेरिकी डिजाइन वाले परमाणु रिएक्टरों के निर्माण को सुविधाजनक बनाने और ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में काम किया जाएगा।