सुनीता विलियम्स कौन हैं? NASA की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नौ महीने का लंबा मिशन पूरा करने के बाद आखिरकार पृथ्वी पर वापसी की।
अंतरिक्ष में नौ महीने का लंबा मिशन पूरा करने के बाद नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आई हैं। सुनीता विलियम्स ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अपने मिशन के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रयोग और अनुसंधान किए। उनकी यह यात्रा न केवल वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए महत्वपूर्ण रही, बल्कि भारत के साथ उनके संबंधों के कारण भी चर्चा में रही।
सुनीता विलियम्स और भारत से उनका संबंध
सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं। उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहायो में हुआ था। उनके पिता दीपक पंड्या भारतीय मूल के थे और गुजरात से ताल्लुक रखते थे। उनकी मां बोननी पंड्या स्लोवेनियाई मूल की हैं। इस तरह, सुनीता का भारत से एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव रहा है।
सुनीता विलियम्स ने कई बार भारत आने की इच्छा जताई है और उन्होंने भारतीय संस्कृति में भी गहरी रुचि दिखाई है। उन्होंने अंतरिक्ष में रहते हुए भगवद गीता और हनुमान चालीसा को अपने साथ रखा था। वह भारत के प्रति अपने सम्मान और लगाव को कई मौकों पर व्यक्त कर चुकी हैं।
सुनीता विलियम्स का करियर और उपलब्धियां
- सुनीता विलियम्स नौसेना पायलट रही हैं और उन्होंने कई महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया।
- नासा के लिए वह दो बार अंतरिक्ष में जा चुकी हैं और स्पेसवॉक (अंतरिक्ष में चहलकदमी) करने वाली चुनिंदा महिलाओं में से एक हैं।
- उन्होंने अपने मिशन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधानों में योगदान दिया।
- अब तक वह अंतरिक्ष में 322 दिन बिता चुकी हैं, जो किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
सुनीता विलियम्स की भारत के प्रति भावनाएं
सुनीता विलियम्स ने हमेशा अपने भारतीय मूल पर गर्व किया है। उन्होंने भारतीय बच्चों और युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष की दुनिया में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। उनके मुताबिक, मेहनत, लगन और सपनों को पूरा करने की इच्छा से कोई भी ऊंचाइयों को छू सकता है।
अंतरिक्ष से लौटने के बाद क्या करेंगी सुनीता?
सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर वापसी के बाद उन्हें एक मेडिकल जांच से गुजरना होगा, जो यह सुनिश्चित करेगी कि उनके शरीर पर अंतरिक्ष यात्रा का कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़ा हो। इसके बाद वह अपने अनुभवों को साझा करेंगी और नासा के आगामी अंतरिक्ष अभियानों की तैयारियों में योगदान देंगी।