Justice Yashwant Varma Cash Controversy: दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा पर स्टोररूम में बड़ी मात्रा में नकदी रखने के आरोप लगे हैं, जिसे उन्होंने सिरे से खारिज किया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मामले की जांच के लिए विशेष समिति बनाई है।
1. जस्टिस यशवंत वर्मा पर घर में बड़ी मात्रा में नकदी रखने के आरोप लगे। 2. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मामले की जांच के लिए विशेष समिति बनाई। 3. जस्टिस वर्मा ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे अपने खिलाफ साजिश बताया। |
जस्टिस यशवंत वर्मा पर विवाद, स्टोररूम में नकदी जलने के आरोप
दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा इन दिनों एक बड़े विवाद में हैं। उन पर आरोप है कि उनके घर के स्टोररूम में बड़ी मात्रा में नकदी रखी गई थी, जो होली के दिन लगी आग में जलकर नष्ट हो गई। हालांकि, जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्टोररूम उनके मुख्य आवास से अलग था और कई लोगों की पहुंच में था।
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय को दिए अपने विस्तृत जवाब में जस्टिस वर्मा ने कहा कि 14 मार्च की रात होली के दौरान उनके सरकारी आवास के स्टाफ क्वार्टर के पास बने स्टोररूम में आग लग गई थी। उन्होंने बताया कि यह स्टोररूम आमतौर पर उनके कर्मचारियों द्वारा पुराने फर्नीचर, बोतलें, क्रॉकरी, गद्दे, कालीन, इस्तेमाल किए गए स्पीकर, बागवानी के उपकरण और सीपीडब्ल्यूडी का सामान रखने के लिए उपयोग किया जाता था। यह कमरा अक्सर अनलॉक रहता था और इसमें दो अलग-अलग प्रवेश द्वार थे—एक आधिकारिक गेट से और दूसरा स्टाफ क्वार्टर के पिछले दरवाजे से।
‘मैं तो घटना के समय दिल्ली में नहीं था’
जस्टिस वर्मा ने बताया कि जिस समय यह घटना हुई, वह और उनकी पत्नी मध्य प्रदेश में थे, जबकि उनके दिल्ली स्थित आवास पर केवल उनकी बेटी और बुजुर्ग मां मौजूद थीं। वे 15 मार्च को भोपाल से इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली लौटे। उन्होंने कहा कि जब आधी रात के करीब आग लगी, तो उनकी बेटी और निजी सचिव ने तुरंत दमकल विभाग को सूचित किया। जब आग बुझाई गई और परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे, तो वहां कोई नकदी या जली हुई नोटों के अवशेष नहीं मिले।