MS Dhoni Retirement: आईपीएल 2025 में महेंद्र सिंह धोनी विकेट के पीछे तो अब भी प्रभावी हैं, लेकिन बैटिंग में पुराना जलवा नजर नहीं आ रहा. दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने 26 गेंदों पर सिर्फ 30 रन बनाए, जिससे फिनिशर की कमी साफ झलक गई. अब उनके बल्लेबाजी क्रम और योगदान पर सवाल उठने लगे हैं, और फ्रेंचाइजी का समर्थन भी बहस का विषय बन गया है. इसी बीच मनोज तिवारी ने कहा कि धोनी को 2023 में ही रिटायरमेंट ले लेना चाहिए था.
MS Dhoni IPL Retirement: महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल 2025 में विकेट के पीछे अब भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन बल्ले से उनकी चमक फीकी पड़ती नजर आ रही है. अब तक इस सीजन में धोनी कोई भी मुकाबला अपनी बल्लेबाजी से चेन्नई सुपर किंग्स के नाम नहीं कर पाए हैं, जबकि उन्हें दुनिया के बेहतरीन फिनिशरों में गिना जाता है. उनकी बल्लेबाजी पोजिशन को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में धोनी ने 26 गेंदों पर केवल 30 रन बनाए, जिससे टीम को आखिरी ओवरों में जरूरी रफ्तार नहीं मिल सकी. उनकी फॉर्म और फ्रेंचाइजी द्वारा लगातार मिल रहे समर्थन पर बहस तेज हो गई है. इसी दौरान, पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने तीखा बयान देते हुए कहा कि धोनी को 2023 में ही आईपीएल से संन्यास ले लेना चाहिए था. क्रिकबज से बातचीत में तिवारी बोले, “मुझे थोड़ा सख्त लग सकता है, लेकिन सच ये है कि 2023 उनका आदर्श समय था रिटायरमेंट के लिए. उन्होंने जो सम्मान हासिल किया है, उसके बावजूद अब फैंस उन्हें संघर्ष करते देख रहे हैं. मैदान पर वो खोए-खोए नजर आते हैं. चेन्नई के फैंस भी अब सड़कों पर उतरकर यही कह रहे हैं.”
घुटने की समस्या से जूझ रहे हैं धोनी: फ्लेमिंग
धोनी की धीमी बल्लेबाजी पर आलोचना बढ़ती जा रही है, और उनके रिटायरमेंट को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं. चेन्नई में खेले गए मैच के दौरान उनके माता-पिता भी स्टेडियम में मौजूद थे, जिससे कयास और गहरे हो गए. हालांकि, धोनी ने अब तक रिटायरमेंट को लेकर कोई संकेत नहीं दिया है. सीएसके के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने खुलासा किया कि धोनी घुटने की परेशानी से जूझ रहे हैं, जिसके चलते वह 8-10 ओवर से ज्यादा बल्लेबाजी नहीं कर पा रहे.
टीम को लेना होगा कड़ा फैसला
मनोज तिवारी ने फ्लेमिंग के तर्क को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, “जब आप पूरे 20 ओवर विकेटकीपिंग कर सकते हैं, रनआउट और डाइव लगा सकते हैं, तब दर्द नहीं होता. लेकिन जब टीम को जीत दिलाने का वक्त आता है तो घुटने की तकलीफ सामने आ जाती है?
